राँची
झारखंड विधानसभा में कोयला माफिया पर हंगामा, जांच कमेटी के गठन की मांग
झारखंड विधानसभा में धनबाद के कोयला खनन क्षेत्रों में कंपनियों की मनमानी और पुलिस की मिलीभगत का मुद्दा उठा। विधायकों ने कार्रवाई की मांग की, मंत्री ने जांच कमेटी के गठन की बात कही।
रांची: झारखंड विधानसभा में गुरुवार को धनबाद के कोयला खनन क्षेत्रों में कंपनियों की दबंगई और पुलिस की मिलीभगत का मुद्दा जोरशोर से उठा। सिंदरी विधायक चंद्रकांत महतो ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के जरिए कहा कि देवप्रभा कंपनी समेत कई खनन कंपनियां स्थानीय रैयतों की जमीन पर अवैध कब्जा कर रही हैं। विरोध करने पर कंपनियों के लठैत लोगों को धमकाते और पीटते हैं, जबकि पुलिस प्रशासन मूकदर्शक बना रहता है।
विधानसभा जांच कमेटी के गठन की मांग
इस गंभीर मामले पर राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री दीपक बिरुआ ने विधानसभा की जांच कमेटी से मामले की जांच कराने की बात कही। स्पीकर रबींद्रनाथ महतो ने इस पर जल्द निर्णय लेने का आश्वासन दिया।
विधायकों ने एक सुर में उठाई कार्रवाई की मांग
ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के दौरान विधायक अरूप चटर्जी, सरयू राय, जयराम महतो, उमाकांत रजक और मथुरा प्रसाद महतो ने कोयला कंपनियों की मनमानी और पुलिस प्रशासन की निष्क्रियता पर सवाल उठाए।
निरसा विधायक अरूप चटर्जी ने कहा कि कोल इंडिया को राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है, जिसके चलते न केवल उनके लठैत हमले करते हैं, बल्कि पुलिस भी स्थानीयों पर लाठीचार्ज करती है।
सरयू राय ने कहा कि कंपनियों की दबंगई जितनी बताई जा रही है, असलियत उससे 100 गुना बदतर है। कंपनियां नदियों में अवैध रूप से खनन कचरा (ओवरबर्डन) गिराकर पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रही हैं।
डुमरी विधायक जयराम महतो ने आरोप लगाया कि कंपनियों के निजी लठैत लोगों को डराने-धमकाने का काम कर रहे हैं।
चंदनक्यारी विधायक उमाकांत रजक ने कहा कि बीसीसीएल (Bharat Coking Coal Limited) सरकारी जमीन तक हड़प रही है, और स्थानीय लोग आतंक के साए में जीने को मजबूर हैं।
मथुरा प्रसाद महतो ने विस्थापितों और रैयतों की दुर्दशा का जिक्र करते हुए तत्काल विधानसभा जांच समिति से मामले की जांच कराने की मांग की।
सरकार का आश्वासन – माफियागिरी बर्दाश्त नहीं
मामले पर जवाब देते हुए मंत्री दीपक बिरुआ ने कहा कि यह राजस्व की क्षति और माफियागिरी से जुड़ा गंभीर मामला है। उन्होंने कहा कि जो लोग सरकार को चुनौती देने की कोशिश कर रहे हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, उन्होंने स्पीकर से आग्रह किया कि इस मामले की जांच के लिए विधानसभा की विशेष कमेटी गठित की जाए।
