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लोकसभा में कोनार और तिलैया डैम का मुद्दा, सांसद ने रखी जनता की मांग

हजारीबाग

लोकसभा में कोनार और तिलैया डैम का मुद्दा, सांसद ने रखी जनता की मांग

हजारीबाग सांसद मनीष जायसवाल ने लोकसभा में कोनार और तिलैया डैम के विस्थापितों के पुनर्वास और अधूरी पड़ी कोनार सिंचाई परियोजना को पूरा करने की मांग उठाई। उन्होंने टूरिज्म और हाइडल पावर प्लांट के विकास पर भी जोर दिया।

नई दिल्ली/हजारीबाग: सांसद मनीष जायसवाल ने सोमवार को लोकसभा में कोनार और तिलैया डैम से जुड़े विस्थापन और सिंचाई परियोजना का मुद्दा जोरदार तरीके से उठाया। उन्होंने केंद्र सरकार से इन डैम से प्रभावित हजारों विस्थापित परिवारों के पुनर्वास और अधूरी पड़ी कोनार सिंचाई परियोजना को शीघ्र पूरा करने की मांग की।

विस्थापितों का अब तक नहीं हुआ पुनर्वास

सांसद जायसवाल ने सदन में कहा कि “कोनार और तिलैया डैम का निर्माण 1955 में हुआ था, जिससे हजारों परिवार विस्थापित हुए। इनमें हजारीबाग लोकसभा क्षेत्र के चौपारण, बरही, विष्णुगढ़ और चंदवारा के सैकड़ों गांवों के लोग शामिल हैं। लेकिन 70 साल बीत जाने के बावजूद इन विस्थापितों का पुनर्वास नहीं हो पाया है।” उन्होंने सरकार से अपील की कि इन परिवारों को शीघ्र पुनर्स्थापित कर न्याय दिया जाए।

कोनार सिंचाई परियोजना 50 साल से अधूरी

उन्होंने कहा कि कोनार डैम से जुड़ी नहर परियोजना 1978 में शुरू हुई थी, लेकिन 50 साल बाद भी पूरी नहीं हो पाई। इस योजना के तहत करीब 85 गांवों में सिंचाई सुविधा मिलनी थी और 63,000 एकड़ भूमि सिंचित होनी थी, लेकिन आज तक किसानों को इसका लाभ नहीं मिला। उन्होंने सरकार से इस परियोजना को जल्द से जल्द पूरा करने की मांग की।

टूरिज्म और हाइडल पावर प्लांट की भी मांग

सांसद मनीष जायसवाल ने कोनार डैम क्षेत्र को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने और हाइडल पावर प्लांट स्थापित करने का भी सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि “अगर इस क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा दिया जाए और हाइडल पावर प्लांट लगाया जाए, तो हजारों लोगों को रोजगार मिल सकता है।”

सांसद की इस मांग से हजारीबाग और गिरिडीह के हजारों किसानों और विस्थापित परिवारों को राहत मिलने की उम्मीद जगी है। अब देखना होगा कि केंद्र सरकार इस पर क्या कदम उठाती है।

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