राँची
अबुआ बजट 2025-26: उद्योग जगत की सकारात्मक प्रतिक्रियाएं
उद्योग जगत की प्रतिक्रियाएं सकारात्मक है। इसमें औद्योगिक विकास, बुनियादी ढांचे, कौशल विकास, पर्यटन और रोजगार सृजन पर जोर दिया गया है। हालांकि, कुछ चिंताएं सामाजिक क्षेत्र में आवंटन और योजनाओं के क्रियान्वयन को लेकर व्यक्त की गई हैं।
राँची: झारखंड के वित्त मंत्री द्वारा प्रस्तुत अबुआ बजट 2025-26 ने उद्योग जगत से सकारात्मक प्रतिक्रियाएं प्राप्त की हैं। बजट में औद्योगिक विकास, बुनियादी ढांचे की सुधार, पर्यटन, कौशल विकास और सामाजिक कल्याण पर जोर दिया गया है। झारखंड चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज (JCCI) ने औद्योगिक माहौल को बढ़ावा देने के लिए किए गए प्रयासों की सराहना की है, जिसमें एकल-खिड़की प्रणाली और ₹20,000 करोड़ निवेश का प्रस्ताव शामिल है।
औद्योगिक विकास और बुनियादी ढांचे पर ध्यान
झारखंड चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज (FJCCI) के अध्यक्ष परेश गट्टानी ने औद्योगिक विकास के लिए सरकार के कदमों की सराहना की। उन्होंने कहा, “औद्योगिक ढांचे में सुधार पर ध्यान देना आवश्यक था, और यह बजट मॉडल औद्योगिक क्षेत्रों के निर्माण की योजना के साथ इस दिशा में सही कदम है। इससे निवेशकों को आकर्षित करने में मदद मिलेगी।” गट्टानी ने इस बात का भी स्वागत किया कि आगामी वर्ष में ₹20,000 करोड़ निवेश लाने का प्रस्ताव है।
नवाचार और कौशल विकास
FJCCI के उपाध्यक्ष राहुल साबू ने झारखंड स्टूडेंट रिसर्च इनोवेशन पॉलिसी का स्वागत किया, जो युवाओं को अनुसंधान और नवाचार में अवसर प्रदान करेगा। उन्होंने कहा, “यह पहल न केवल युवाओं को सशक्त बनाएगी, बल्कि राज्य की आर्थिक वृद्धि में भी योगदान करेगी।”
साथ ही, बजट में कौशल और फिनटेक विश्वविद्यालयों की स्थापना के लिए किए गए प्रस्ताव को भी उद्योग जगत ने सराहा। FJCCI के प्रवक्ता सुनील सरावगी ने कहा, “ये विश्वविद्यालय राज्य में एक कुशल कार्यबल तैयार करने में मदद करेंगे, जो राज्य के विकास के लिए एक मूल्यवान संसाधन साबित होंगे।”
पर्यटन और रोजगार सृजन
पर्यटन के क्षेत्र में बजट द्वारा की गई योजनाओं को उद्योग जगत ने सकारात्मक दृष्टिकोण से देखा। फोरम के पूर्व अध्यक्ष विनय अग्रवाल ने कहा, “पर्यटन क्षेत्र में विशाल संभावनाएं हैं और बजट की योजनाओं से इसे महत्वपूर्ण बढ़ावा मिलेगा। नए रोजगार अवसरों का सृजन भी स्वागत योग्य कदम है।”
FJCCI के महासचिव आदित्य मल्होत्रा ने सरकार के प्रयासों की सराहना की, जिसमें स्थानीय श्रमिकों के लिए रोजगार सुनिश्चित करने की योजना शामिल है। उन्होंने कहा, “राज्य के श्रमिकों के लिए रोजगार की योजना स्थायी विकास को बढ़ावा देगी।”
एकल-खिड़की प्रणाली और औद्योगिक सुधार
ज्योटी कुमारी, FJCCI की उपाध्यक्ष, ने एकल-खिड़की प्रणाली में सुधार की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “वर्तमान प्रणाली प्रभावी नहीं है, और हम उम्मीद करते हैं कि प्रस्तावित सुधार उद्योगों के संचालन को अधिक सहज बनाएंगे।”
FJCCI के पूर्व अध्यक्ष दीपक कुमार मारू ने कहा, “पिछले बजटों में कई अच्छे कदम उठाए गए थे, लेकिन उनका सही तरीके से कार्यान्वयन नहीं हो सका था। यह महत्वपूर्ण है कि इस बजट में की गई योजनाओं को समय पर लागू किया जाए ताकि वास्तविक लाभ मिल सके।”
सामाजिक कल्याण और आर्थिक वृद्धि का संतुलन
हालांकि बजट ने आर्थिक विकास पर जोर दिया, कुछ आवाजें सामाजिक क्षेत्र में आवंटन पर चिंता व्यक्त कर रही हैं। FJCCI के पूर्व अध्यक्ष कुणाल अजमानी ने कहा, “कल्याण योजनाएं आवश्यक हैं, लेकिन उनका पारदर्शी तरीके से कार्यान्वयन सुनिश्चित करना भी उतना ही महत्वपूर्ण है ताकि इसका सही तरीके से उपयोग हो।”
निष्कर्ष: झारखंड के लिए एक संतुलित दृष्टिकोण
कुल मिलाकर, अबुआ बजट 2025-26 को एक संतुलित और प्रगतिशील वित्तीय योजना के रूप में देखा गया है, जिसमें औद्योगिक विकास, नवाचार, पर्यटन, और रोजगार सृजन पर स्पष्ट ध्यान केंद्रित किया गया है। उद्योग जगत के नेता इस बजट को झारखंड के आर्थिक प्रगति के लिए एक मजबूत कदम मानते हैं, बशर्ते सरकार इस दिशा में आवश्यक सुधारों को समय पर और प्रभावी रूप से लागू करे।
FJCCI के तत्कालीन अध्यक्ष किशोर मंत्री ने कहा, “यह बजट झारखंड को आत्मनिर्भर और आर्थिक रूप से सशक्त राज्य बनाने की दिशा में एक कदम है।”
