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‘झारखंड के दया नायक’ एनकाउंटर स्पेशलिस्ट  प्रमोद कुमार सिंह

पलामू जिला

‘झारखंड के दया नायक’ एनकाउंटर स्पेशलिस्ट  प्रमोद कुमार सिंह

झारखंड के कुख्यात गैंगस्टर अमन साव का एटीएस डीएसपी प्रमोद कुमार सिंह की टीम द्वारा एनकाउंटर। जानिए कैसे हुई मुठभेड़, प्रमोद सिंह का अतीत, और अमन साव का राजनीतिक सपना।

झारखंड के कुख्यात गैंगस्टर अमन साव का सफर अपराध की दुनिया से राजनीति तक जाने की तमन्ना के बीच ही खत्म हो गया। झारखंड एटीएस (एंटी टेररिस्ट स्क्वाड) की टीम ने उसे उस वक्त मार गिराया, जब उसकी रिहाई के लिए हथियारबंद गिरोह ने एटीएस की टीम पर हमला बोल दिया। इस एनकाउंटर की अगुवाई कर रहे थे प्रमोद कुमार सिंह — जिन्हें झारखंड का ‘दया नायक’ कहा जाता है। 

एनकाउंटर की पूरी कहानी: कैसे हुआ घटनाक्रम?

झारखंड एटीएस की टीम को छत्तीसगढ़ के रायपुर जेल से अमन साव को रांची लाने की जिम्मेदारी दी गई थी। इस ऑपरेशन का नेतृत्व डीएसपी प्रमोद कुमार सिंह कर रहे थे, जो अपने एनकाउंटर स्पेशलिस्ट के रूप में प्रसिद्ध हैं। 

जब एटीएस का काफिला रायपुर से रांची लौट रहा था, तभी झारखंड-छत्तीसगढ़ सीमा के पास हथियारों से लैस बदमाशों ने पुलिस वाहन पर घात लगाकर हमला कर दिया। हमलावरों ने पुलिस को गाड़ी रोकने पर मजबूर कर दिया और अमन साव को छुड़ाने की कोशिश की। 

हालात बिगड़ते देख प्रमोद कुमार सिंह की टीम ने मोर्चा संभाल लिया और जवाबी फायरिंग शुरू कर दी। इस मुठभेड़ में अमन साव को गोली लग गई, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। इस दौरान एटीएस के हवलदार राकेश कुमार भी घायल हो गए, जिन्हें इलाज के लिए नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उनकी स्थिति खतरे से बाहर बताई जा रही है।

कौन था गैंगस्टर अमन साव?

अमन साव का नाम झारखंड के आपराधिक जगत में कुख्यात था। वह कोयला बेल्ट में वर्चस्व की लड़ाई का बड़ा खिलाड़ी बन चुका था। अमन साव पर रंगदारी, मर्डर और लूटपाट सहित 120 से अधिक गंभीर आपराधिक मामले दर्ज थे। 

अमन साव कोयला कारोबारियों से जबरन वसूली के लिए कुख्यात था। पुलिस के अनुसार, वह जेल के भीतर रहकर भी अपने गैंग को सक्रिय रूप से संचालित करता था। 

अमन साव की राजनीतिक महत्वाकांक्षा

अमन साव का आपराधिक नेटवर्क उसके राजनीतिक सपनों के साथ बढ़ता गया। वह बड़कागांव विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने की योजना बना रहा था। इसके लिए उसने नामांकन पत्र भी खरीदा था। हालांकि, झारखंड हाईकोर्ट ने उसकी चुनावी याचिका को खारिज कर दिया था, क्योंकि उसके खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले लंबित थे। 

प्रमोद कुमार सिंह: झारखंड के ‘दया नायक’

प्रमोद कुमार सिंह का नाम झारखंड पुलिस में ‘एनकाउंटर स्पेशलिस्ट’ के रूप में मशहूर है। 1994 बैच के सब-इंस्पेक्टर रहे प्रमोद सिंह वर्तमान में झारखंड एटीएस में डीएसपी के रूप में तैनात हैं। 

प्रमोद कुमार सिंह की पहचान अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के लिए होती है। पलामू, धनबाद, और रांची समेत झारखंड के कई जिलों में उनके नेतृत्व में दर्जनों एनकाउंटर हुए हैं। 

पलामू में प्रमोद सिंह का पुराना अनुभव

प्रमोद कुमार सिंह इससे पहले भी पलामू में तैनात रह चुके हैं। उस दौरान उन्होंने चैनपुर में थाना प्रभारी रहते हुए लुटेरों के खिलाफ एक सफल एनकाउंटर किया था। जिस जगह अमन साव का एनकाउंटर हुआ, वहां पहले भी डकैतों के खिलाफ उन्होंने ऑपरेशन चलाया था। 

सत्ता पक्ष और विपक्ष का रुख

इस एनकाउंटर के बाद झारखंड में राजनीतिक हलचल भी तेज हो गई है। सत्ता पक्ष ने इसे कानून-व्यवस्था की जीत बताया है। वहीं, विपक्षी दलों ने भी पुलिस की कार्रवाई की सराहना की है। भाजपा प्रवक्ता प्रतुल शाह देव ने कहा कि “जो अपराधी झारखंड में खौफ का पर्याय बन गया था, उसका यही हश्र होना चाहिए था।” 

आगे क्या होगा?

झारखंड पुलिस ने इस घटना के बाद संगठित अपराध पर नकेल कसने के लिए विशेष अभियान चलाने की घोषणा की है। डीजीपी अनुराग गुप्ता ने कहा है कि झारखंड में कोयला माफिया और संगठित अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई जारी रहेगी। 

इस एनकाउंटर के बाद झारखंड पुलिस के मोर्चे पर एक बड़ा संदेश गया है — अपराध चाहे कितना भी संगठित क्यों न हो, उसका अंत तय है।

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