हजारीबाग
झारखंड की जनता को ठगने वाला बजट: सांसद मनीष जायसवाल
सांसद ने झारखंड बजट 2025-26 को दिशाहीन और ठगने वाला बताया, आरोप लगाया कि सरकार ने युवाओं, महिलाओं और पेंशनधारियों के साथ धोखा किया और चुनावी वादों को भुला दिया।
हजारीबाग: झारखंड सरकार द्वारा पेश किया गया ₹1,45,400 करोड़ का बजट जनता के लिए एक और छलावा साबित हुआ है। हजारीबाग सांसद मनीष जायसवाल ने इस बजट को झारखंड विरोधी, दिशाहीन और जनता के साथ विश्वासघात करार दिया। उन्होंने कहा कि यह बजट ‘अबुआ सरकार’ के नाम पर जनता को ठगने की एक और कोशिश है।
‘युवाओं के सपने तोड़े, सरकार की नीयत पर सवाल’
जायसवाल ने सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि हेमंत सरकार ने चुनाव से पहले 10 लाख युवाओं को नौकरी देने का वादा किया था, लेकिन बजट में इसका कोई जिक्र तक नहीं किया गया। उन्होंने कहा,
“यह सरकार सिर्फ़ झूठे वादों और जुमलों के दम पर सत्ता में आई है। बेरोजगारों को सिर्फ सपने बेचे गए और अब उन्हें भुला दिया गया है। यह सरकार युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है।”
उन्होंने कहा कि बजट में रोजगार नीति को लेकर कोई ठोस योजना नहीं है, जिससे यह साफ हो गया कि सरकार की मंशा ही गलत है। उन्होंने राज्य में औद्योगिक निवेश की कमी को लेकर भी सरकार को घेरा और कहा कि झारखंड में न कोई बड़ी परियोजना आई, न ही कोई नई रोजगार योजना बनी।
‘महिलाओं, किसानों और पेंशनधारियों के साथ धोखा’
मनीष जायसवाल ने सरकार की ‘मइयां सम्मान योजना’ को लेकर भी सवाल उठाए और कहा कि इसके तहत झारखंड की आधी महिलाओं को भी लाभ नहीं मिलेगा।
“सरकार ने विकलांग, विधवा और वृद्धा पेंशन को ₹2,500 करने का वादा किया था, लेकिन बजट में इसका कोई प्रावधान ही नहीं। यह सरकार चुनावी मंच से कुछ और बोलती है और सत्ता में आने के बाद जनता को धोखा देती है।”
‘बजट महज वोट लुभाने वाला दस्तावेज, विकास का कोई रोडमैप नहीं’
जायसवाल ने बजट को झारखंड के लिए दिशाहीन और विकास-विरोधी बताया। उन्होंने कहा कि सरकार ने झारखंड को आगे बढ़ाने के लिए कोई ठोस नीति या रोडमैप नहीं दिया, बल्कि बजट सिर्फ एक राजनीतिक घोषणापत्र बनकर रह गया है।
“सरकार के इस रवैये से झारखंड पिछड़ता जा रहा है। न कोई नई परियोजना, न उद्योग, न युवाओं के लिए कोई अवसर—यह सरकार झारखंड को अंधकार में धकेल रही है।”
‘बेरोजगार युवाओं का आक्रोश, सरकार के खिलाफ गुस्सा फूटेगा’
बजट को लेकर झारखंड के युवाओं में भारी नाराजगी है।
रांची विश्वविद्यालय के एक छात्र ने कहा,
“हमने उम्मीद की थी कि सरकार रोजगार को लेकर कोई ठोस नीति लाएगी, लेकिन यह बजट सिर्फ़ हवाई वादों से भरा है। अब हम मजबूर होकर दूसरे राज्यों में पलायन करने को मजबूर हैं।”
धनबाद के एक युवा ने कहा,
“सरकार सिर्फ हवा-हवाई बातें कर रही है। न नौकरी दे रही, न स्वरोजगार के लिए कोई योजना है। यह बजट युवाओं के सपनों को कुचलने वाला है।”
‘युवाओं का गुस्सा सड़कों पर फूटेगा’
हजारीबाग के रंजन चौधरी ने कहा कि सरकार को युवाओं के गुस्से को हल्के में नहीं लेना चाहिए।
“अगर सरकार ने जल्द कोई ठोस कदम नहीं उठाया, तो युवाओं का यह गुस्सा अगले चुनाव में सत्ताधारी दल के खिलाफ ज्वालामुखी बनकर फूटेगा।”

‘अबुआ सरकार’ की असलियत जनता समझ चुकी है
मनीष जायसवाल ने कहा कि हेमंत सरकार की असलियत अब जनता के सामने आ चुकी है।
“यह सरकार सिर्फ वादे करने में माहिर है, लेकिन जमीनी हकीकत में जनता को सिर्फ धोखा देती है। यह बजट झारखंड की जनता के साथ सबसे बड़ा छल है और इसका जवाब जनता चुनाव में देगी।”
झारखंड के युवाओं, महिलाओं और किसानों को ठगने वाला यह बजट सरकार की नाकामी का सबसे बड़ा सबूत है, जो राज्य को सिर्फ़ अंधकार में धकेल रहा है।
