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डिजिटल भारत की नई पहचान: आधार और फेस ऑथेंटिकेशन की क्रांति

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डिजिटल भारत की नई पहचान: आधार और फेस ऑथेंटिकेशन की क्रांति

फरवरी 2025 में 225 करोड़ से अधिक आधार प्रमाणीकरण और 12.54 करोड़ फेस ऑथेंटिकेशन लेनदेन हुए। जानें कैसे यह तकनीक डिजिटल भारत को मजबूत बना रही है।

नई दिल्ली: आधार अब सिर्फ एक पहचान पत्र नहीं, बल्कि डिजिटल भारत की रीढ़ बन चुका है। हर दिन करोड़ों लोग इसका इस्तेमाल बैंकिंग से लेकर सरकारी योजनाओं तक, कई जरूरी सेवाओं के लिए कर रहे हैं। फरवरी 2025 में, 225 करोड़ से अधिक आधार प्रमाणीकरण (ऑथेंटिकेशन) और 43 करोड़ ई-केवाईसी लेनदेन किए गए। यह साफ दिखाता है कि भारत में डिजिटल पहचान प्रणाली कितनी मजबूत हो चुकी है।

आधार-आधारित सत्यापन अब केवल पहचान साबित करने का जरिया नहीं, बल्कि सुविधा और सुरक्षा का प्रतीक बन गया है। बैंक खाता खोलना हो, ऋण लेना हो, या सरकारी योजनाओं का लाभ उठाना—आधार से सबकुछ आसान हो गया है।

फेस ऑथेंटिकेशन: अब पहचान सिर्फ एक नज़र में

भारत में आधार के फेस ऑथेंटिकेशन फीचर को तेजी से अपनाया जा रहा है। फरवरी 2025 में 12.54 करोड़ फेस ऑथेंटिकेशन लेनदेन हुए, जो अब तक का सबसे ऊंचा आंकड़ा है। यह तकनीक बिना किसी दस्तावेज़ या ओटीपी के, केवल चेहरे की पहचान से ही सत्यापन की सुविधा देती है।

अब तक 97 से अधिक कंपनियां और संस्थान इस तकनीक का उपयोग कर रहे हैं, जिनमें कोटक महिंद्रा प्राइम लिमिटेड, फोनपे, करूर वैश्य बैंक और जम्मू-कश्मीर बैंक भी शामिल हैं। कुल मिलाकर, फेस ऑथेंटिकेशन लेनदेन की संख्या 115 करोड़ को पार कर चुकी है, जिनमें से 87 करोड़ सिर्फ इस वित्तीय वर्ष में दर्ज किए गए हैं।

डिजिटल समावेश और सुरक्षा की नई दिशा

आधार ने भारत में डिजिटल समावेश को एक नई गति दी है। इससे करोड़ों लोगों को वित्तीय सेवाओं और सरकारी योजनाओं तक सरल और तेज़ पहुँच मिली है। जनवरी 2025 में 284 करोड़ से ज्यादा आधार प्रमाणीकरण हुए—यह आंकड़ा हर साल 32% की बढ़ोतरी को दर्शाता है।

फेस ऑथेंटिकेशन तकनीक खासकर उन लोगों के लिए उपयोगी है, जिनके पास फिंगरप्रिंट या ओटीपी जैसी अन्य प्रमाणीकरण विधियाँ उपलब्ध नहीं हैं। साथ ही, यह धोखाधड़ी की संभावना को भी कम करता है, जिससे डिजिटल सेवाएँ अधिक सुरक्षित हो जाती हैं।

यूआईडीएआई: तकनीक और सुरक्षा का भरोसा

भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) आधार की तकनीकी मजबूती और डेटा सुरक्षा के लिए लगातार प्रयास कर रहा है। इसने फेस ऑथेंटिकेशन जैसी अत्याधुनिक तकनीकों को विकसित किया है, जो वित्त, बीमा, फिनटेक, स्वास्थ्य और दूरसंचार सहित कई क्षेत्रों में उपयोग की जा रही हैं।

आने वाला समय: डिजिटल पहचान का नया युग

भविष्य में फेस ऑथेंटिकेशन का उपयोग और भी व्यापक होगा, जिससे डिजिटल सेवाओं तक पहुँच आसान और सुरक्षित बनेगी। आधार और फेस ऑथेंटिकेशन मिलकर एक मजबूत डिजिटल पहचान प्रणाली तैयार कर रहे हैं, जो भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था को और ऊंचाइयों तक ले जाएगी।

आज आधार केवल एक दस्तावेज़ नहीं, बल्कि डिजिटल भारत की नई पहचान है। बढ़ते हुए फेस ऑथेंटिकेशन लेनदेन इस बात का प्रमाण हैं कि देश अब उस भविष्य की ओर बढ़ रहा है, जहां पहचान सत्यापन केवल एक नज़र में संभव होगा।

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