नई दिल्ली: चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि मतदाता पहचान पत्र (EPIC) को आधार से जोड़ने की प्रक्रिया भारतीय संविधान के अनुच्छेद 326 के प्रावधानों के तहत ही की जाएगी। इस संबंध में मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार, चुनाव आयुक्त डॉ. सुखबीर सिंह संधू और डॉ. विवेक जोशी की अध्यक्षता में निर्वाचन सदन, नई दिल्ली में एक उच्चस्तरीय बैठक हुई। बैठक में केंद्रीय गृह सचिव, विधायी विभाग के सचिव, इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय (MeitY) के सचिव, यूआईडीएआई (UIDAI) के सीईओ और चुनाव आयोग के तकनीकी विशेषज्ञों ने भाग लिया।
अनुच्छेद 326 के अनुसार, मतदान का अधिकार केवल भारतीय नागरिकों को ही प्राप्त है, जबकि आधार केवल पहचान प्रमाणित करने का एक दस्तावेज है। इस संवैधानिक प्रावधान को ध्यान में रखते हुए, चुनाव आयोग ने यह निर्णय लिया है कि EPIC और आधार को जोड़ने की प्रक्रिया केवल संविधान के अनुच्छेद 326 और जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 23(4), 23(5) और 23(6) के अनुरूप ही की जाएगी। यह सुप्रीम कोर्ट के WP (सिविल) नंबर 177/2023 के फैसले के अनुसार भी होगी।
इस प्रक्रिया को कानूनी रूप से सुचारू और पारदर्शी बनाने के लिए भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) और चुनाव आयोग के तकनीकी विशेषज्ञों के बीच जल्द ही विचार-विमर्श शुरू होगा। इस लिंकिंग का उद्देश्य मतदाता पहचान को अधिक सटीक बनाना है, साथ ही संवैधानिक अधिकारों की सुरक्षा भी सुनिश्चित करना है।
चुनाव आयोग के उप निदेशक पी. पवन ने पुष्टि की है कि इस क्रियान्वयन के लिए आवश्यक प्रक्रिया को अंतिम रूप देने के लिए जल्द ही तकनीकी चर्चा शुरू की जाएगी।