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दिल्ली में पूर्वांचल भवन की मांग, मनोज तिवारी ने लोकसभा में उठाया मुद्दा
सांसद मनोज तिवारी ने लोकसभा में दिल्ली में पूर्वांचल भवन के निर्माण की मांग उठाई, जिसमें मगही, भोजपुरी, मैथिली, अंगिका, नागपुरी और संताली समाज को शामिल किया गया है।
नई दिल्ली: उत्तर-पूर्व दिल्ली के सांसद मनोज तिवारी ने लोकसभा में दिल्ली में पूर्वांचल भवन के निर्माण की मांग उठाई है। उन्होंने केंद्र सरकार से अपील की कि दिल्ली में रहने वाले पूर्वांचल समाज के लोगों के लिए एक समर्पित भवन का निर्माण किया जाए, जो उनकी सांस्कृतिक, सामाजिक और सामुदायिक गतिविधियों का केंद्र बन सके।
पूर्वांचल समाज के लिए विशेष भवन की जरूरत पर जोर
लोकसभा में अपनी मांग रखते हुए सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि दिल्ली-एनसीआर में पूर्वांचली समाज का एक बड़ा वर्ग निवास करता है, जो झारखंड, बिहार, पूर्वी उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों से आकर दिल्ली में बसे हैं। ये लोग अपनी सांस्कृतिक पहचान को जीवंत बनाए रखने के लिए एक ऐसे केंद्र की आवश्यकता महसूस कर रहे हैं, जहां उनकी सांस्कृतिक, सामाजिक और धार्मिक गतिविधियां संचालित की जा सकें।
उन्होंने बताया कि पूर्वांचली समाज में शामिल मगही, भोजपुरी, मैथिली, अंगिका, नागपुरी और संताली भाषी समुदायों का दिल्ली के सामाजिक ताने-बाने में महत्वपूर्ण योगदान है। ऐसे में एक पूर्वांचल भवन का निर्माण इन समुदायों के सामाजिक समन्वय और सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण के लिए बेहद जरूरी है।
दिल्ली में बढ़ती पूर्वांचली आबादी
सांसद मनोज तिवारी ने अपने संबोधन में कहा कि दिल्ली में पूर्वांचली समाज के लोग बड़ी संख्या में रहते हैं, जो विभिन्न क्षेत्रों में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। चाहे वह निर्माण कार्य हो, व्यापार, शिक्षा, कला या राजनीति — पूर्वांचली समाज ने हर क्षेत्र में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई है।
उन्होंने कहा कि दिल्ली में रहने वाले इन लाखों लोगों के लिए एक समर्पित पूर्वांचल भवन उनकी सांस्कृतिक गतिविधियों, पारंपरिक त्योहारों, साहित्यिक आयोजन, सामूहिक बैठकों और विवाह समारोहों के लिए एक उपयुक्त स्थान के रूप में कार्य करेगा।
दिल्ली के विकास में पूर्वांचली समाज का योगदान
मनोज तिवारी ने यह भी उल्लेख किया कि दिल्ली के बुनियादी ढांचे और विकास में पूर्वांचली समाज की भूमिका को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि झुग्गी-झोपड़ी से लेकर पॉश इलाकों तक पूर्वांचली समाज के लोग अपनी मेहनत, संस्कार और संस्कृति के लिए पहचाने जाते हैं।
सरकार से तत्काल पहल की अपील
सांसद मनोज तिवारी ने केंद्र सरकार से आग्रह किया कि जल्द से जल्द पूर्वांचल भवन के लिए जमीन आवंटित की जाए और इस परियोजना को प्राथमिकता के आधार पर पूरा किया जाए।
पूर्वांचल भवन: सामुदायिक एकता का प्रतीक
पूर्वांचल भवन के निर्माण से दिल्ली-एनसीआर में बसे लाखों पूर्वांचली नागरिकों को अपनी सांस्कृतिक जड़ों से जुड़ने का अवसर मिलेगा। यह भवन एक ऐसा मंच प्रदान करेगा जहां पूर्वांचली समाज अपनी सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित कर सकेगा और अपनी अगली पीढ़ी को अपनी परंपराओं से अवगत करा सकेगा।
पूर्व में भी उठा चुके हैं मांग
गौरतलब है कि सांसद मनोज तिवारी पहले भी कई बार पूर्वांचल भवन की मांग कर चुके हैं। उन्होंने दिल्ली में छठ महापर्व के आयोजन को लेकर भी विशेष व्यवस्थाओं की मांग उठाई थी, जिसे सरकार ने बाद में लागू किया था।
