
लातेहार
नेतरहाट में बाँस प्रशिक्षण शिविर का समापन, प्रतिभागियों ने पेश किया हुनर
नेतरहाट में WaterBANK के तत्वावधान में आयोजित दो महीने के बाँस प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन हुआ। इस दौरान प्रतिभागियों ने बाँस से तैयार फर्नीचर, हस्तशिल्प और घरेलू वस्तुओं का प्रदर्शन किया, जिससे उन्हें स्वरोजगार के नए अवसर मिलेंगे।
नेतरहाट: झारखंड के नेतरहाट में दो महीने तक चले बाँस प्रशिक्षण कार्यक्रम का सोमवार को समापन हुआ। इस मौके पर प्रतिभागियों ने बाँस से तैयार किए गए फर्नीचर, हस्तशिल्प और घरेलू उपयोग की वस्तुओं का प्रदर्शन किया।
यह प्रशिक्षण कार्यक्रम WaterBANK संस्थान के तत्वावधान में आयोजित किया गया था। इसे भारत सरकार के वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के ग्रीन स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम (GSDP) के तहत संपन्न कराया गया, जिसका संचालन झारखंड वन विभाग ने किया।
इस प्रशिक्षण शिविर में झारखंड के विभिन्न जिलों से आए 15-20 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। प्रशिक्षण के दौरान उन्हें बाँस से फर्नीचर, हस्तशिल्प और अन्य घरेलू वस्तुएं बनाने का कौशल सिखाया गया। इस कार्यक्रम में असम से आए नेशनल बैंबू मिशन (NBM) के मास्टर ट्रेनर श्री प्रणब दहोतियाने प्रतिभागियों को प्रशिक्षण दिया।
प्रशिक्षण के समापन अवसर पर आयोजित प्रदर्शनी में प्रतिभागियों ने बाँस से तैयार कुर्सी, टेबल, लालटेन, दीवार सजावट के उत्पाद, ट्रे, टोकरी और अन्य कई उपयोगी वस्तुएं प्रदर्शित कीं। इन वस्तुओं की दर्शकों ने सराहना की और कई लोगों ने इन्हें खरीदने में रुचि दिखाई।
WaterBANK संस्थान के अध्यक्ष श्री साकेत कुमार ने कहा कि उनकी संस्था बाँस के माध्यम से रोजगार और प्रकृति केंद्रित विकास के नए आयामों पर काम करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने बताया कि WaterBANK ने नेतरहाट पंचायत में नेशनल बैंबू मिशन के साथ मिलकर बाँस की एक कार्यशाला स्थापित की है, जहां निरंतर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि इस प्रशिक्षण के जरिए प्रतिभागियों को ऐसे हुनर सीखने का मौका मिला है, जिससे वे अपने आर्थिक भविष्य को मजबूत कर सकते हैं। अब ये प्रतिभागी अपने तैयार उत्पादों को बाजार तक पहुंचाने के लिए काम करेंगे।
समापन समारोह में मौजूद झारखंड वन विभाग के अधिकारियों ने इस पहल को सराहनीय बताते हुए कहा कि इस तरह के कार्यक्रम न केवल पर्यावरण संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण हैं, बल्कि ग्रामीण युवाओं और महिलाओं के लिए रोजगार के अवसर भी पैदा करते हैं।
