
हजारीबाग
एनटीपीसी डीजीएम हत्याकांड: मरांडी ने कोयला माफिया को ठहराया जिम्मेदार
हजारीबाग में एनटीपीसी डीजीएम कुमार गौरव की हत्या के बाद भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी ने राज्य सरकार पर निशाना साधा, कोयला माफिया को बताया हत्या का जिम्मेदार।
हजारीबाग: झारखंड के हजारीबाग जिले में एनटीपीसी के डीजीएम कुमार गौरव की गोली मारकर हत्या के बाद सियासी हलचल तेज हो गई है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने इस घटना को लेकर राज्य सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के भड़काऊ बयानों के चलते अपराधियों का हौसला बढ़ा है।
मरांडी के आरोप : “कोयला माफिया के संरक्षण में चल रहा खूनी खेल”
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि झारखंड के कोयला क्षेत्र में अवैध व्यापार फल-फूल रहा है और अपराधियों को सरकार का संरक्षण प्राप्त है। उन्होंने कहा कि हजारीबाग, धनबाद, बोकारो, रामगढ़ और चतरा के इलाकों में प्रतिदिन हजारों ट्रक कोयले की चोरी हो रही है और इसका पैसा “नीचे से ऊपर तक” बंट रहा है।
उन्होंने कहा,
“हेमंत सोरेन ने अपने बयानों से अपराधियों को उकसाकर कोयला कारोबार में खूनी संघर्ष की शुरुआत कर दी है। अब सवाल यह है कि इस काले कारोबार में और कितने निर्दोषों की जान जाएगी?”
सुरक्षा पर उठाए सवाल
मरांडी ने मांग की कि मुख्यमंत्री तत्काल कोयला चोरी पर रोक लगाएं और इस पूरे मामले की जांच के लिए ईमानदार अधिकारियों के नेतृत्व में एसआईटी (विशेष जांच दल) का गठन करें। उन्होंने डीजीपी से एनटीपीसी परियोजना क्षेत्र में अधिकारियों और कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की भी अपील की।
प्रशासन की प्रतिक्रिया
हजारीबाग के एसपी अरविंद कुमार सिंह ने कहा कि अपराधियों की तलाश में विशेष छापेमारी अभियान जारी है और जल्द ही आरोपी पुलिस की गिरफ्त में होंगे।
सियासी माहौल गर्माया
एनटीपीसी अधिकारी की हत्या के बाद झारखंड में विपक्ष के हमलों ने राज्य की कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। घटना के पीछे कोयला माफिया का हाथ होने की आशंका के चलते पुलिस प्रशासन पर दबाव बढ़ गया है।
एनटीपीसी डीजीएम कुमार गौरव की हत्या ने झारखंड में कोयला माफिया के बढ़ते प्रभाव और कानून-व्यवस्था की स्थिति को लेकर चिंता बढ़ा दी है। अब देखना होगा कि प्रशासन इस घटना पर क्या ठोस कार्रवाई करता है और कोयला माफिया के नेटवर्क को कैसे तोड़ता है।
