राँची
झारखंड: सेवानिवृत्त शिक्षकों का सम्मान, ‘शिक्षक कभी सेवानिवृत्त नहीं होते’
शिक्षा सचिव उमा शंकर सिंह ने शिक्षकों की निष्ठा और समर्पण को सराहा
राँची: झारखंड सरकार ने शुक्रवार को शिक्षा सेवा से सेवानिवृत्त हो रहे शिक्षकों और शिक्षा पदाधिकारियों को सम्मानित किया। स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सचिव उमा शंकर सिंह ने इस अवसर पर कहा, “शिक्षक कभी सेवानिवृत्त नहीं होते। वे अपने कर्तव्यों के प्रति निष्ठा और समर्पण के कारण हमेशा याद रखे जाएंगे।”
रांची जिला शिक्षा अधीक्षक कार्यालय द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में फरवरी माह में सेवानिवृत्त होने वाले दो प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी और 16 शिक्षकों को सम्मानित किया गया। शिक्षा सचिव ने सेवानिवृत्त शिक्षकों को मोमेंटो, शॉल और सभी आवश्यक लाभ सौंपते हुए उनके योगदान की सराहना की।
शिक्षकों को समाज के निर्माता बताया गया
इस अवसर पर प्राथमिक शिक्षा निदेशक शशि प्रकाश सिंह ने शिक्षकों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए उन्हें नव साक्षर भारत परियोजना ‘उल्लास’ से जुड़ने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि शिक्षकों की मेहनत और समर्पण से ही समाज प्रगति की राह पर आगे बढ़ता है।
रांची जिला शिक्षा अधीक्षक ने कार्यक्रम में कहा, “शिक्षक समाज के निर्माता होते हैं। उनका योगदान केवल एक पीढ़ी तक सीमित नहीं रहता, बल्कि यह अनंत काल तक चलता है।” उन्होंने बताया कि जनवरी 2025 में भी 28 सेवानिवृत्त शिक्षकों को उपायुक्त रांची के द्वारा सभी आवश्यक लाभ दिए गए थे, और यह प्रक्रिया आगे भी जारी रहेगी।
भविष्य में भी जारी रहेगा यह सम्मान कार्यक्रम
इस समारोह में अवर सचिव, जिला शिक्षा अधीक्षक, विभिन्न क्षेत्रीय शिक्षा पदाधिकारी और अन्य शिक्षा कर्मी उपस्थित थे। कार्यक्रम में सेवानिवृत्त शिक्षकों की सेवाओं को याद किया गया और उन्हें समाज की मुख्यधारा से जुड़े रहने के लिए प्रेरित किया गया।
सरकार ने स्पष्ट किया कि भविष्य में भी सेवानिवृत्त शिक्षकों का सम्मान इसी तरह किया जाता रहेगा, ताकि शिक्षा जगत में उनके योगदान को उचित मान्यता दी जा सके।
