राँची
राँची होटवार जेल से कैदी फरार, सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल
झारखंड की सबसे सुरक्षित मानी जाने वाली होटवार जेल से उम्रकैद की सजा काट रहा कैदी समीर तिर्की फरार हो गया, जिससे जेल प्रशासन की लापरवाही उजागर हुई है। 22 फीट ऊंची दीवार फांदकर भागने की घटना पर सवाल उठ रहे हैं। पुलिस छापेमारी जारी है, लेकिन अब तक कोई सुराग नहीं मिला।
राँची: झारखंड की सबसे सुरक्षित मानी जाने वाली बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार, होटवार से उम्रकैद की सजा काट रहा कैदी समीर तिर्की फरार हो गया। सीसीटीवी फुटेज के अनुसार, वह शुक्रवार सुबह जेल के मुख्य गेट की ओर बढ़ता नजर आया, लेकिन 24 घंटे बाद भी पुलिस को उसका कोई सुराग नहीं मिला है। इस घटना से जेल की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।
कैसे हुई फरारी?
बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार की सुरक्षा तीन स्तरीय व्यवस्था के तहत होती है, जिसमें 400 से अधिक सुरक्षाकर्मी तीन शिफ्टों में तैनात रहते हैं। वॉच टावरों से निगरानी की जाती है और मुख्य द्वार पर कड़ी चौकसी रहती है। इसके बावजूद समीर तिर्की की फरारी ने सुरक्षा चूक को उजागर कर दिया है।
जानकारी के अनुसार, समीर तिर्की को जेल पार्क की देखरेख और वार्ड नंबर 12 में बंद कैदियों को निर्धारित समय पर बाहर निकालने व बंद करनेकी जिम्मेदारी दी गई थी। गुरुवार रात, उसने हाथ-पैर धोने के बहाने नल के पास खुद को ले जाकर जेल की चारदीवारी के पास पहुंचाया और फिर केबल तार के सहारे 22 फीट ऊंची दीवार फांदकर फरार हो गया।
कैदी की गिनती में खुलासा
शुक्रवार सुबह 5:30 बजे जब कैदियों की गिनती की गई, तब पता चला कि समीर तिर्की लापता है। पूरे जेल परिसर में उसकी तलाश की गई, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। इसके बाद प्रभारी जेलर देवनाथ राम ने खेलगांव थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई।
कौन है समीर तिर्की?
समीर तिर्की उर्फ शाकिर तिर्की गुमला जिले के बृंदा भंडारा टोली का रहने वाला है। 2013 में अपहरण और हत्या के एक मामले में उसे गिरफ्तार किया गया था। 2018 में उसे गुमला जेल से होटवार जेल शिफ्ट किया गया, और 31 जनवरी 2022 को अदालत ने उसे आजीवन कारावास और 70,000 रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई थी।
सुरक्षा के बावजूद फरारी, उठते हैं कई सवाल
होटवार जेल में सुरक्षा के व्यापक इंतजामों के बावजूद समीर तिर्की के भागने से कई सवाल खड़े हो रहे हैं:
- 22 फीट ऊंची दीवार आखिर उसने इतनी आसानी से कैसे फांद ली?
- वॉच टावर पर तैनात सुरक्षाकर्मी घटना के समय कहां थे?
- सीसीटीवी निगरानी के बावजूद कैदी के भागने की भनक क्यों नहीं लगी?
- अब तक किसी जेल अधिकारी पर कार्रवाई क्यों नहीं हुई?
पुलिस जांच और छापेमारी जारी
समीर तिर्की की तलाश में रांची के बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन और गुमला स्थित संभावित ठिकानों पर छापेमारी जारी है, लेकिन अब तक कोई सुराग नहीं मिला है।
झारखंड के जेल आईजी सुदर्शन मंडल ने कहा,
“कैदी के फरार होने की जांच की जा रही है। सुरक्षा में चूक के लिए जो भी जिम्मेदार होगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।”
जेल प्रशासन में लापरवाही का आलम
सूत्रों के अनुसार, बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार में लंबे समय से कोई स्थायी जेल अधीक्षक या जेलर की नियुक्ति नहीं हुई है। पूरे जेल प्रशासन को प्रभार के आधार पर चलाया जा रहा है, जिससे सुरक्षा निगरानी कमजोर पड़ गई है।
समीर तिर्की की फरारी से झारखंड की जेल सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। यह घटना प्रशासनिक लापरवाही और सुरक्षा तंत्र की खामियों को उजागर करती है। अब यह देखना होगा कि पुलिस कब तक इस फरार कैदी को पकड़ पाती है और जेल प्रशासन की इस लापरवाही पर क्या कार्रवाई होती है।
