
राँची
बाबूलाल मरांडी का हेमंत सरकार पर तीखा हमला: “झारखंड में कानून-व्यवस्था चौपट”
झारखंड विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने हेमंत सोरेन सरकार पर कानून-व्यवस्था को लेकर तीखा हमला किया है। उन्होंने पुलिस पर वसूली का आरोप लगाते हुए अपराधियों के बेखौफ होने की बात कही। राज्य सरकार ने इन आरोपों को खारिज किया है।
रांची: झारखंड में बढ़ते अपराधों के बीच विपक्षी दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सरकार पर तीखा हमला बोला है। हाल ही में रांची में व्यापारी की हत्या, गिरिडीह में डकैती और बोकारो में रंगदारी की घटनाओं का जिक्र करते हुए मरांडी ने राज्य की कानून-व्यवस्था को ‘चरमराई हुई’ बताया है। उन्होंने कहा कि जब तक हेमंत सोरेन सत्ता में हैं, तब तक कानून-व्यवस्था में सुधार की कोई उम्मीद नहीं की जा सकती।
“पुलिस वसूली में व्यस्त, अपराधी बेखौफ”
मरांडी ने राज्य के पुलिस महकमे पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिसकर्मी वसूली में लगे हुए हैं और राज्य में अवैध गतिविधियां लगातार बढ़ रही हैं। उन्होंने कहा कि धनबाद और बोकारो जैसे कोयला क्षेत्रों से अवैध खनन बड़े पैमाने पर हो रहा है, और इसका लाभ सरकार को नहीं बल्कि सत्ता के करीबियों को मिल रहा है।
“धनबाद और बोकारो के कोयला क्षेत्रों में अवैध खनन का पैसा सीधे सत्ता के कुछ लोगों की जेब में जा रहा है। अपराधी खुलेआम घूम रहे हैं और कानून का कोई डर नहीं रह गया है,” मरांडी ने कहा।
राज्य में हाल के दिनों में अपराध के कई बड़े मामले सामने आए हैं। हाल ही में राजधानी रांची में दिनदहाड़े एक व्यापारी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, जिससे पूरे क्षेत्र में दहशत का माहौल बन गया। इसके अलावा, गिरिडीह और चाईबासा जैसे क्षेत्रों में भी चोरी, डकैती और हिंसा की घटनाओं में वृद्धि देखी गई है।
आदिवासी कल्याण योजनाओं पर सवाल
मरांडी ने हेमंत सरकार पर आदिवासी कल्याण में लापरवाही बरतने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सरकार आदिवासियों के विकास के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है।
“सरकार कथित रूप से केवल दिखावा कर रही है। आदिवासियों के नाम पर योजनाएं बनती हैं, लेकिन वे केवल कागजों पर सिमटकर रह जाती हैं। जमीन पर कोई ठोस काम नहीं हो रहा है,” मरांडी ने कहा। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों के विकास कार्यों की धीमी गति पर भी सवाल खड़ा किया।
मरांडी का आरोप: “राज्य में डर का माहौल”
मरांडी ने कहा कि झारखंड में हर वर्ग असुरक्षित महसूस कर रहा है। “व्यापारी डरे हुए हैं, आदिवासी उपेक्षित हैं, और आम जनता कानून के शासन पर भरोसा खो रही है।”
उन्होंने राज्यपाल से हस्तक्षेप की मांग करते हुए कहा कि राज्य में कानून-व्यवस्था बहाल करने के लिए विशेष अभियान चलाया जाना चाहिए। मरांडी ने चेतावनी दी कि अगर राज्य सरकार स्थिति को सुधारने में असफल रही, तो जनता खुद सड़कों पर उतरने को मजबूर हो जाएगी।
