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नेमरा में बाहा पर्व: सीएम हेमंत सोरेन ने की सरना पूजा

रामगढ़

नेमरा में बाहा पर्व: सीएम हेमंत सोरेन ने की सरना पूजा

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और विधायक कल्पना सोरेन ने रामगढ़ जिले के नेमरा स्थित पैतृक निवास में ‘बाहा पर्व’ मनाया। उन्होंने सरना पूजा स्थल ‘जाहेरथान’ में पारंपरिक पूजा-अर्चना कर राज्यवासियों की सुख-समृद्धि की कामना की।

रामगढ़: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपनी पत्नी एवं दुमका की विधायक कल्पना सोरेन के साथ रामगढ़ जिले के नेमरा स्थित अपने पैतृक आवास में आयोजित ‘बाहा पर्व’ में हिस्सा लिया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सरना पूजा स्थल “जाहेरथान” में पारंपरिक विधि-विधान से पूजा-अर्चना कर राज्यवासियों की सुख, समृद्धि, उन्नति और कल्याण की प्रार्थना की।

बाहा पर्व: प्रकृति और संस्कृति का उत्सव

‘बाहा पर्व’ आदिवासी समुदाय के प्रमुख त्योहारों में से एक है, जिसे सरना धर्मावलंबी हर्षोल्लास और श्रद्धा के साथ मनाते हैं। यह पर्व प्रकृति और पर्यावरण के प्रति आस्था का प्रतीक है, जिसमें पेड़ों, फूलों और जलस्रोतों की पूजा की जाती है। इस पर्व के दौरान साल के फूलों को विशेष महत्व दिया जाता है और पूजा के बाद इन्हें समाज के बुजुर्गों और परिवार के सदस्यों को भेंट किया जाता है।

मुख्यमंत्री ने दी शुभकामनाएं

बाहा पर्व के अवसर पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने झारखंड की जनता को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह पर्व प्रकृति के संरक्षण और हमारी सांस्कृतिक पहचान को सहेजने का संदेश देता है। उन्होंने कहा,
“आदिवासी समाज का यह पारंपरिक त्योहार हमें प्रकृति से जुड़ने और उसकी रक्षा करने की प्रेरणा देता है। यह पर्व हमें हमारी जड़ों की याद दिलाता है और भाईचारे का संदेश देता है। राज्य सरकार भी आदिवासी संस्कृति और धार्मिक आस्थाओं के संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है।”

जाहेरथान में पारंपरिक पूजा-अर्चना

मुख्यमंत्री और विधायक कल्पना सोरेन ने सरना स्थल ‘जाहेरथान’ में पारंपरिक पूजा-अर्चना की। स्थानीय पुजारियों द्वारा विधिपूर्वक अनुष्ठान कराया गया, जिसमें समुदाय के कई गणमान्य लोग और ग्रामीण भी शामिल हुए। पूजा-अर्चना के बाद पारंपरिक रीति-रिवाजों के तहत समुदाय के बुजुर्गों का आशीर्वाद लिया गया।

स्थानीय लोगों से संवाद, विकास पर चर्चा

बाहा पर्व के अवसर पर मुख्यमंत्री ने ग्रामीणों और स्थानीय प्रतिनिधियों से मुलाकात कर क्षेत्र के विकास, सरकार की योजनाओं और जनकल्याणकारी नीतियों पर चर्चा की। उन्होंने ग्रामीणों को आश्वस्त किया कि सरकार उनकी पारंपरिक मान्यताओं और धार्मिक स्थलों के संरक्षण के लिए हरसंभव प्रयास करेगी।

संस्कृति और परंपरा को सहेजने का प्रयास

मुख्यमंत्री ने इस मौके पर झारखंड की आदिवासी संस्कृति और पारंपरिक त्योहारों के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि राज्य सरकार सरना धर्म को मान्यता दिलाने और आदिवासी परंपराओं को संरक्षित करने के लिए प्रतिबद्ध है।

समारोह में जुटे हजारों श्रद्धालु

बाहा पर्व के इस विशेष आयोजन में हजारों श्रद्धालुओं, स्थानीय नेताओं, गणमान्य व्यक्तियों और आदिवासी समुदाय के लोगों ने भाग लिया।पारंपरिक नृत्य, गीत-संगीत और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने माहौल को और भी उल्लासपूर्ण बना दिया।

इस आयोजन से एक बार फिर झारखंड की आदिवासी संस्कृति, परंपरा और प्रकृति प्रेम की झलक देखने को मिली। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर झारखंडवासियों से अपनी सांस्कृतिक विरासत को सहेजने और आगे बढ़ाने का आह्वान किया।

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