राँची
झारखंड बजट को बाबूलाल मरांडी ने बताया खोखला, घिसा-पिटा और दिशाहीन
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने झारखंड बजट को खोखला, दिशाहीन और घिसा-पिटा बताया। उन्होंने कहा कि बजट में बेरोजगारी, गरीबी और किसानों के लिए कोई ठोस योजना नहीं। भाजपा प्रवक्ता अमित मंडल ने सरकार पर चुनावी वादे पूरे न करने, कर्ज़ बढ़ाने और विकास योजनाओं को ठप करने का आरोप लगाया।
राँची: राज्य सरकार द्वारा विधानसभा में पेश किए गए झारखंड बजट 2025-26 को लेकर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि यह बजट भले ही आकार में बड़ा हो, लेकिन इसकी कोई ठोस बुनियाद नहीं है। यह प्राणविहीन और ताकतविहीन बजट है, जिसमें राज्य के आर्थिक विकास की दिशा स्पष्ट नहीं है।
बेरोजगारी और गरीबी के लिए कोई ठोस योजना नहीं
श्री मरांडी ने कहा कि बजट में दूरदर्शिता का घोर अभाव है। सरकार ने ऐसा कोई ठोस प्रावधान नहीं किया है जिससे झारखंड की बेरोजगारी दूर हो या गरीबी खत्म हो। उन्होंने सवाल उठाया कि जब सरकार अपने चुनावी घोषणाओं को भी बजटीय धरातल पर नहीं उतार पाई, तो यह बजट सिर्फ जनता को छलने का प्रयास मात्र है।
युवाओं और किसानों के लिए कुछ भी नहीं
भाजपा आर्थिक प्रकोष्ठ द्वारा झारखंड बजट पर एक विस्तृत समीक्षा की गई। इस दौरान प्रदेश प्रवक्ता एवं पूर्व विधायक अमित मंडल ने कहा कि यह बजट युवाओं और किसानों के लिए पूरी तरह निराशाजनक है। उन्होंने सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि राज्य सरकार को सीएजी (CAG) की रिपोर्ट में उजागर 19,132 हजार करोड़ रुपये की अनियमितताओं पर स्पष्टीकरण देना चाहिए।
उन्होंने आगे कहा कि झारखंड देश में कोयला उत्पादन में तीसरे स्थान पर है और राज्य को केंद्र से मिलने वाला राजस्व भी 22% है, जो देश में सर्वाधिक है। बावजूद इसके सरकार राज्य की आर्थिक स्थिति सुधारने में पूरी तरह विफल रही है।
चुनावी वादे अधूरे, सात गारंटी भी झूठी
भाजपा नेताओं ने सरकार पर चुनावी वादों को पूरा न करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सरकार ने जिन “सात गारंटी” का वादा किया था, उनमें से एक भी पूरी नहीं हुई:
- धान क्रय के लिए 3200 रुपये MSP देने की घोषणा पूरी नहीं हुई
- 450 रुपये में गैस सिलेंडर देने की बात भी झूठी निकली
- 7 किलो अनाज देने की योजना कागजों तक सीमित रही
- हर जिले में मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेज खोलने की बात महज घोषणा बनकर रह गई
राजस्व खर्च बढ़ा, पूंजीगत खर्च कम – कर्ज़ का बोझ बढ़ेगा
भाजपा नेताओं ने यह भी कहा कि राज्य सरकार ने राजस्व खर्च को 20.1% बढ़ा दिया है, जबकि पूंजीगत खर्च मात्र 7.81% ही बढ़ाया गया है। इससे यह स्पष्ट होता है कि सरकार भविष्य में इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण पर ध्यान नहीं देगी और कर्ज़ के सहारे ही राज्य की अर्थव्यवस्था को चलाने की कोशिश करेगी।
श्री मंडल ने कहा कि सरकार अपने बजट प्रावधानों का ठीक से उपयोग नहीं कर रही है और योजनाओं की राशि को खर्च करने की बजाय उसे सरेंडर कर रही है। इससे साफ है कि सरकार की नीतियों में स्पष्टता और कार्यान्वयन की इच्छाशक्ति की कमी है।
महिला सम्मान योजना में कटौती से असंतोष
भाजपा ने महिला सम्मान योजना में बजटीय आवंटन को अपर्याप्त बताया। उन्होंने कहा कि सरकार ने महिलाओं के लिए केवल 13,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है, जबकि इसे कम से कम 17,000 करोड़ रुपये होना चाहिए था। इसके अलावा, तीन महीने की बकाया राशि को मिलाकर सरकार को अतिरिक्त 4,200 करोड़ रुपये का प्रावधान करना चाहिए था, जो नहीं किया गया।
जनता में निराशा, सरकार की नीयत पर सवाल
भाजपा नेताओं ने कहा कि यह बजट जनता की उम्मीदों को तोड़ने वाला है और झारखंड की अर्थव्यवस्था को कमजोर करने वाला साबित होगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार आंकड़ों की बाजीगरी कर रही है, लेकिन धरातल पर विकास की कोई ठोस योजना नहीं दिख रही।
भाजपा की मांग – बजट में हो संशोधन
भाजपा नेताओं ने राज्य सरकार से मांग की कि बजट में संशोधन कर बेरोजगारी, किसानों और महिलाओं के मुद्दों को प्राथमिकता दी जाए। पार्टी ने यह भी कहा कि अगर सरकार वास्तविक विकास चाहती है, तो उसे योजनाओं को सही तरीके से लागू करने की दिशा में काम करना होगा।
