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राजनीतिक दलों के साथ नियमित बैठकें करें अधिकारी: चुनाव आयोग
चुनाव आयोग (ECI) ने सभी चुनाव अधिकारियों को राजनीतिक दलों के साथ नियमित बैठकें करने और कानूनी दायरे में मुद्दे सुलझाने के निर्देश दिए। मतदाता पंजीकरण, मतदान केंद्रों की पहुंच और पारदर्शिता पर जोर दिया गया। दो दिवसीय सम्मेलन में 28 हितधारकों की पहचान कर चुनाव प्रबंधन को और मजबूत करने की योजना बनाई गई।
नई दिल्ली: चुनाव आयोग (ECI) ने सभी मुख्य निर्वाचन अधिकारियों (CEO), जिला निर्वाचन अधिकारियों (DEO) और निर्वाचक रजिस्ट्रेशन अधिकारियों (ERO) को निर्देश दिया है कि वे राजनीतिक दलों के साथ नियमित बैठकें करें और सभी मुद्दों का समाधान कानूनी ढांचे के भीतर सुनिश्चित करें। आयोग ने सभी CEO को 31 मार्च 2025 तक विषयवार कार्यवाही रिपोर्ट प्रस्तुत करने का भी निर्देश दिया है।
यह निर्देश नई दिल्ली स्थित इंडिया इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डेमोक्रेसी एंड इलेक्शन मैनेजमेंट (IIIDEM) में शुरू हुई दो दिवसीय CEO सम्मेलन के दौरान दिया गया। यह सम्मेलन तब हो रहा है जब श्री ज्ञानेश कुमार ने मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) के रूप में कार्यभार संभाला है। इस कार्यक्रम में चुनाव आयुक्त डॉ. सुखबीर सिंह संधू और डॉ. विवेक जोशी सहित 100 से अधिक अधिकारी शामिल हुए।
सीईसी का निर्देश: पारदर्शिता और कानूनी प्रक्रिया का कड़ाई से पालन हो
मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) श्री ज्ञानेश कुमार ने सभी अधिकारियों को पारदर्शिता बनाए रखने और जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 और 1951, निर्वाचक नामावली नियम 1960, और निर्वाचन संचालन नियम 1961 सहित चुनाव आयोग के दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन करने का निर्देश दिया। उन्होंने अधिकारियों को राजनीतिक दलों के प्रति संवेदनशील और उत्तरदायी बनने को कहा।
उन्होंने स्पष्ट किया कि चुनाव से जुड़े विवादों को कानूनी दायरे में ही हल किया जाना चाहिए और संबंधित स्तर (ERO, DEO या CEO) पर निपटाया जाना चाहिए।
मतदाता पंजीकरण और मतदान केंद्रों की पहुंच पर विशेष जोर
सीईसी ने सभी पात्र नागरिकों (18 वर्ष से अधिक) का नाम मतदाता सूची में पंजीकृत करने पर विशेष ध्यान देने का निर्देश दिया, जैसा कि संविधान के अनुच्छेद 325 और 326 में उल्लेखित है।
इसके साथ ही उन्होंने बूथ लेवल अधिकारियों (BLO) को मतदाताओं के प्रति विनम्र और सहयोगी रहने की हिदायत दी। साथ ही यह सुनिश्चित करने को कहा कि कोई भी चुनावी अधिकारी गलत जानकारी या धमकी के दबाव में न आए।
चुनाव आयोग ने यह भी निर्देश दिया कि प्रत्येक मतदान केंद्र में 800 से 1200 मतदाता हों और यह मतदाताओं के घर से अधिकतम 2 किमी के दायरे में हो। ग्रामीण क्षेत्रों में आश्वस्त न्यूनतम सुविधाओं (Assured Minimum Facilities) से युक्त मतदान केंद्र स्थापित किए जाएंगे, वहीं शहरी क्षेत्रों में मतदान बढ़ाने के लिए बहुमंजिला इमारतों और झुग्गी बस्तियों में भी बूथ बनाए जाएंगे।
28 प्रमुख हितधारकों के लिए सशक्तिकरण योजना
ECI ने चुनाव प्रक्रिया में 28 प्रमुख हितधारकों की पहचान की है, जिनमें चुनाव अधिकारी, राजनीतिक दल, उम्मीदवार और मतदान एजेंट शामिल हैं। इन हितधारकों को चार श्रेणियों—निर्वाचक नामावली, निर्वाचन संचालन, पर्यवेक्षण/प्रवर्तन, और राजनीतिक दल/उम्मीदवार में विभाजित किया गया है। प्रत्येक समूह को चुनाव आयोग के चार उप चुनाव आयुक्तों (DEC) के मार्गदर्शन में प्रशिक्षित किया जाएगा।
इस बार पहली बार प्रत्येक राज्य/केंद्र शासित प्रदेश से एक DEO और एक ERO इस सम्मेलन में भाग ले रहे हैं। सम्मेलन कल समाप्त होगा, जिसके बाद और भी महत्वपूर्ण घोषणाएं की जाएंगी।
