रामगढ़

कोईहारा गॉंव में हाथियों के हमले में एक व्यक्ति की मौत

रजरप्पा प्रोजेक्ट के गांव कोईहारा में हाथियों के झुंड के हमले में बकरियां चरा रहे एक व्यक्ति की मौत हो गई। ग्रामीणों ने वन विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाया, क्योंकि उन्होंने हाथियों की सूचना दी थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। मृतक के परिवार में शोक की लहर है।

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कोईहारा (रजरप्पा प्रोजेक्ट): रजरप्पा प्रोजेक्ट के विस्थापित गांव कोईहारा में आज दिन में हाथियों के झुंड के हमले में एक व्यक्ति की दर्दनाक मौत हो गई। मरने वाले मेघनाथ मुंडा घटना के समय बकरियां चरा रहा थे और जैसे ही हाथियों का झुंड गांव में घुसा, वह बकरियों को लेकर भागने लगे, लेकिन एक हाथी के चपेट में आने से वह गंभीर रूप से घायल हो गये और उनकी मौके पर ही मौत हो गई।

ग्रामीणों के अनुसार, पिछले कई दिनों से हाथियों का झुंड गांव के आसपास घूम रहा था, लेकिन वन विभाग से कोई कार्रवाई नहीं की जा रही थी। घटना के दिन गांव का मुंडा नामक व्यक्ति बकरियां चरा रहा था, तभी हाथियों का झुंड गांव में आ गया। हाथियों को देख वह भागने लगा, लेकिन एक हाथी ने उसे कुचल दिया। बताया गया है कि हाथी ने उसके सिर को इतनी जोर से कुचला कि उसकी मौके पर ही मौत हो गई।

मृतक व्यक्ति के परिवार और गांव में शोक की लहर है। ग्रामीणों ने वन विभाग के खिलाफ नाराजगी जताते हुए कहा कि उन्होंने कई बार हाथियों के गांव में घुसने की सूचना दी थी, लेकिन वन विभाग की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए। ग्रामीणों का आरोप है कि वन विभाग ने समय रहते हाथियों को गांव से भगाने की कोई कोशिश नहीं की, जिससे यह दुर्घटना घटित हुई।

ग्रामीणों का कहना था कि यदि वन विभाग ने हाथियों की मूवमेंट को गंभीरता से लिया होता और उन्हें गांव से भगाने के लिए जरूरी कदम उठाए होते, तो यह घटना शायद टाली जा सकती थी। ग्रामीणों ने मांग की है कि वन विभाग को इस मुद्दे पर त्वरित कार्रवाई करनी चाहिए और गांववासियों की सुरक्षा के लिए आवश्यक उपाय किए जाएं।

इस बीच, स्थानीय प्रशासन ने घटना स्थल पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया है और मृतक के परिवार को उचित मुआवजा देने का आश्वासन दिया है।

इस दर्दनाक घटना ने रजरप्पा प्रोजेक्ट के आसपास के इलाकों में वन्यजीवों के साथ होने वाले मानव संघर्ष की गंभीरता को एक बार फिर उजागर किया है। ग्रामीणों का कहना है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए वन विभाग को उचित कदम उठाने की आवश्यकता है।

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