
गिरिडीह
गिरिडीह हिंसा: विधानसभा में हंगामा, बढ़ा राजनीतिक तनाव
होली के दिन गिरिडीह में हुई हिंसा झारखंड की राजनीति में बड़ा विवाद बन गई है। विधानसभा में इस मुद्दे पर तीखी बहस हुई, जिसमें सत्ता पक्ष और विपक्ष ने एक-दूसरे पर आरोप लगाए। पूरी रिपोर्ट पढ़ें।
रांची: होली के दिन गिरिडीह में हुई हिंसा अब एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन गई है। मंगलवार को बजट सत्र के दौरान यह मामला विधानसभा में उठाया गया, जिससे सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस हुई। प्रश्नकाल शुरू होते ही नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने इस मुद्दे पर तुरंत चर्चा की मांग की, जिससे सदन में हंगामा हो गया। माहौल बिगड़ता देख स्पीकर को कार्यवाही कुछ देर के लिए रोकनी पड़ी।
होली की छुट्टी के बाद विधानसभा की कार्यवाही दोबारा शुरू हुई, लेकिन गिरिडीह हिंसा की चर्चा हावी हो गई। बाबूलाल मरांडी ने धनवार थाना क्षेत्र के घोड़थंबा इलाके की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि होली खेल रहे युवकों को पुलिस ने रोका, जिससे झड़प हो गई। उन्होंने आरोप लगाया कि इसके बाद दूसरे पक्ष के लोगों ने पेट्रोल बम और पत्थरों से हमला किया। कई दुकानों और गाड़ियों में आग लगा दी गई, लेकिन पुलिस मूकदर्शक बनी रही।
मरांडी ने पुलिस पर पक्षपात करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि पुलिस ने दोनों पक्षों के 40-40 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया और 11-11 लोगों को गिरफ्तार किया। उन्होंने पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए कहा कि निर्दोष लोगों को रात में घरों से उठाकर गिरफ्तार किया जा रहा है और इस पर विशेष चर्चा होनी चाहिए।
संसदीय कार्य मंत्री राधा कृष्ण किशोर ने विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि ऐसे संवेदनशील मामलों पर गृह विभाग के बजट सत्र के दौरान चर्चा की जानी चाहिए, न कि राजनीति की जानी चाहिए। वहीं, मंत्री सुदिव्या कुमार सोनू ने कहा कि हिंसा को एकतरफा तरीके से दिखाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रशासन ने संयम से काम लिया, लेकिन जुलूस में कुछ असामाजिक तत्वों ने माहौल बिगाड़ दिया।
कांग्रेस विधायक प्रदीप यादव ने हिंसा की निंदा की और कहा कि गिरिडीह में जानबूझकर माहौल खराब किया गया, जबकि झारखंड के बाकी हिस्सों में शांति बनी रही। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि कुछ जगहों पर एकरा मस्जिद और बजरंग दल के लोगों ने मिलकर होली खेली, जिससे झारखंड की आपसी भाईचारे की परंपरा का पता चलता है।
राज्य मंत्री इरफान अंसारी ने भाजपा पर हिंसा भड़काने का आरोप लगाया। उन्होंने विधानसभा परिसर में मीडिया से बात करते हुए कहा कि इस घटना के पीछे भाजपा नेताओं का हाथ है। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास की गिरिडीह यात्रा पर सवाल उठाया और कहा कि उनका दौरा माहौल बिगाड़ने के लिए किया गया था। अंसारी ने भाजपा को चेतावनी दी कि वे झारखंड की शांति भंग न करें और कहा कि हेमंत सोरेन सरकार राज्य में सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
जैसे-जैसे बहस बढ़ी, भाजपा विधायकों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए सदन के वेल में प्रवेश किया और कानून व्यवस्था बनाए रखने में विफल रहने के लिए सरकार को घेरा। गिरिडीह हिंसा अब झारखंड की राजनीति में बड़ा मुद्दा बन चुकी है और आने वाले दिनों में इस पर और टकराव की संभावना है।
इस बीच, खोरीमहुआ के एसडीपीओ राजेंद्र प्रसाद ने जानकारी दी कि इस मामले में दोनों पक्षों के कुल 22 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
