
हजारीबाग
हजारीबाग में एनटीपीसी अधिकारी की हत्या के बाद दहशत, कोयला डिस्पैच ठप
हजारीबाग में एनटीपीसी के डिप्टी जनरल मैनेजर कुमार गौरव की हत्या के बाद इलाके में भय का माहौल है। कोयला डिस्पैच ठप होने से ऊर्जा उत्पादन और अर्थव्यवस्था पर असर पड़ने की आशंका है।
हजारीबाग: झारखंड के हजारीबाग जिले में एनटीपीसी के डिप्टी जनरल मैनेजर (डीजीएम) कुमार गौरव की हत्या के बाद इलाके में दहशत का माहौल है। इस घटना के बाद से एनटीपीसी के अधिकारी और कर्मचारी गहरे सदमे में हैं, जिसके चलते शनिवार से कोयला डिस्पैच पूरी तरह ठप है।
आमतौर पर कोल साइडिंग क्षेत्र में अधिकारियों का आना-जाना नियमित होता था, लेकिन घटना के बाद से किसी भी अधिकारी ने क्षेत्र का दौरा करने की हिम्मत नहीं की है। अधिकारियों का कहना है कि हजारीबाग और उसके आसपास के इलाकों में पहले भी कई घटनाएं हो चुकी हैं, जिनमें कई अधिकारी अपराधियों का निशाना बन चुके हैं। बावजूद इसके, सुरक्षा व्यवस्था न होने के कारण क्षेत्र में भय का माहौल कायम है।
एनटीपीसी कर्मियों में आक्रोश, सुरक्षा की मांग
एनटीपीसी कोल माइनिंग पकरी बरवाडीह नेफी के अध्यक्ष कमल राम रजक ने बताया कि कुमार गौरव की हत्या के बाद से अधिकारी और कर्मचारी खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि बिना ठोस सुरक्षा व्यवस्था के कर्मी कार्यस्थल पर लौटने को तैयार नहीं हैं।
कमल राम रजक ने संगठन की ओर से तीन प्रमुख मांगें रखी हैं:
- मृतक अधिकारी कुमार गौरव की पत्नी को एनटीपीसी में नौकरी दी जाए।
- सभी अधिकारियों और कर्मचारियों का ₹50 करोड़ का बीमा कराया जाए।
- हत्या की घटना का जल्द खुलासा हो और अपराधियों को सख्त सजा दी जाए।
उन्होंने चेतावनी दी कि यदि इन मांगों को जल्द पूरा नहीं किया गया तो संगठन आगे की रणनीति पर विचार करेगा।
कोयला डिस्पैच ठप, अर्थव्यवस्था पर असर
एनटीपीसी की पकरी बरवाडीह कोल माइन भारत की सबसे बड़ी कोयला खदानों में से एक है, जो कई प्रमुख थर्मल पावर प्लांट को कोयला आपूर्ति करती है। खदान से कोयला डिस्पैच ठप होने का असर केवल झारखंड तक सीमित नहीं है, बल्कि अन्य राज्यों के विद्युत उत्पादन पर भी पड़ सकता है।
खनन और परिवहन गतिविधियां रुकने से कोयला आपूर्ति बाधित हुई है, जिससे ऊर्जा उत्पादन और संबंधित आर्थिक गतिविधियों पर गंभीर असर पड़ने की आशंका है।
अधिकारियों के परिजन भी चिंतित
एनटीपीसी अधिकारियों के परिजन भी इस घटना के बाद डरे हुए हैं। परिवारवालों का कहना है कि अधिकारियों को काम पर भेजने से पहले सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाने चाहिए।
पुलिस पर सवाल, जांच में तेजी की मांग
इस हत्याकांड के बाद हजारीबाग पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल उठने लगे हैं। खदानों से जुड़े इलाकों में पुलिस गश्त की कमी को लेकर अधिकारियों में नाराजगी है।
पुलिस पर लापरवाही के आरोप लगाते हुए सवाल किया जा रहा है कि फतह से हजारीबाग के बीच के रास्ते में एक भी पुलिस चेकपोस्ट क्यों नहीं है, जबकि यह इलाका पहले भी कई बार अपराधियों के निशाने पर रहा है।
इस घटना के बाद बोकारो रेंज के आईजी एस माइकल राज ने हजारीबाग पहुंचकर पुलिस अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय बैठक की। उन्होंने आश्वासन दिया कि हर एंगल से जांच की जा रही है और जल्द ही अपराधियों को गिरफ्तार कर मामले का खुलासा किया जाएगा।
हालांकि, अब तक किसी की गिरफ्तारी न होने से एनटीपीसी कर्मियों में असंतोष और भय का माहौल बरकरार है।
