राँची: झारखंड सरकार ने सरकारी कर्मचारियों, विधायकों, सेवानिवृत्त अधिकारियों और निबंधित अधिवक्ताओं के लिए कैशलेस स्वास्थ्य बीमा योजना शुरू की है।
इस योजना के तहत लाभार्थी देशभर के 2,500 से अधिक सरकारी और निजी अस्पतालों में इलाज करा सकेंगे। योजना का संचालन टाटा एआईजी हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी कर रही है।
योजना की मुख्य विशेषताएं
- लाभार्थियों को तीन श्रेणियों में बांटा गया है—
- कार्यरत सरकारी कर्मचारी और विधायक
- सेवानिवृत्त अधिकारी एवं पूर्व विधायक
- निबंधित अधिवक्ता
- सरकारी कर्मचारियों के वेतन से ₹500 मासिक प्रीमियम काटा जाएगा, जबकि सेवानिवृत्त अधिकारी और अधिवक्ता स्वेच्छा से योजना में शामिल हो सकते हैं।
- सभी लाभार्थियों को फ्री पीवीसी हेल्थ कार्ड मिलेगा।
- बीमा योजना के तहत अस्पताल में भर्ती होने से 15 दिन पहले और डिस्चार्ज के 30 दिन बाद तक की चिकित्सा सुविधा दी जाएगी।
- सरकार ने ₹50 करोड़ का कॉरपोरेट बफर फंड भी बनाया है, जिससे विशेष मामलों में अतिरिक्त चिकित्सा खर्च को कवर किया जाएगा।
सरकार का क्या कहना है?
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इसे झारखंड में “स्वास्थ्य सुरक्षा की दिशा में ऐतिहासिक कदम” बताया। उन्होंने कहा कि यह योजना सरकारी कर्मचारियों और उनके परिवारों के लिए एक “बड़ी राहत” साबित होगी।
रांची के झारखंड विधानसभा सभागार में आयोजित इस कार्यक्रम में विधानसभा अध्यक्ष रवींद्र नाथ महतो, स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
पत्रकारों की स्वास्थ्य योजना का क्या हुआ?
राज्य सरकार ने 2021 में पत्रकारों के लिए एक स्वास्थ्य बीमा योजना शुरू की थी, लेकिन प्रशासनिक दिक्कतों के चलते यह सफल नहीं हो पाई। अब अधिकारियों का कहना है कि पत्रकारों की स्वास्थ्य योजना को पुनर्जीवित करने की योजना पर काम हो रहा है, हालांकि इसकी कोई स्पष्ट समय-सीमा तय नहीं की गई है।
कब से लागू होगी योजना?
यह स्वास्थ्य बीमा योजना 1 मार्च 2025 से लागू होगी और राज्य के हजारों सरकारी कर्मियों और उनके परिवारों को इसका लाभ मिलेगा।