Connect with us

News in Hindi – पढ़ें झारखण्ड की ताजा खबरें और ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में। झारखण्ड की राजनीति, खेल, मनोरंजन, व्यापार, व्यवसाय सहित राज्य के चप्पे-चप्पे की हर खबर के लिए हमारी वेबसाइट पर आएँ!

वेव्स: एक नयी छलांग लगाने का अवसर

मनोरंजन

वेव्स: एक नयी छलांग लगाने का अवसर

अभिनेत्री विद्या बालन की एक चर्चित फिल्म थी, डर्टी पिक्चर। इसका एक डायलॉग काफी चर्चित हुआ था-‘फिल्में केवल तीन चीजों से चलती हैं, एंटरटेनमेंट, एंटरटेनमेंट और एंटरटेनमेंट।’ अगर गहराई से इस पर सोचें, तो यह हकीकत भी है, लोग मनोरंजन के लिए ही तीन घंटे फिल्म देखने जाते हैं। फिल्म की बात हो या फिर एनीमेटेड फिल्म की, टीवी सीरियल की बात हो या फिर वेब सीरीज की, खेल के मैदान की बात हो या फिर ऑनलान गेमिंग की, ये सभी एंटरटेनमेंट यानी मनोरंजन के ही अलग-अलग रूप हैं।

भारत में मनोरंजन का बाजार दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। यह एक ऐसा बाजार है, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भारत को तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने के सपने को साकार करने में मददगार साबित होगी।

ऐसा नहीं है कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली सरकार इस बात से अनभिज्ञ है। उसे भी पता है कि ऑडियो, वीडियो और एटरटेनमेंट का बाजार इतना बड़ा है कि इसमें बहुत कुछ किये जाने की संभावना है।

इसलिए सरकार के स्तर पर इसके लिए प्रयास भी किये जा रहे हैं। केंद्र सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा लगातार इस दिशा में कदम उठाया जा रहा है। मंत्रालय द्वारा आगामी 1 से 4 मई तक मुंबई के जियो वर्ल्ड सेंटर में वर्ल्ड ऑडियो विजुअल एंड एंटरटेनमेंट समिट (वेव्स, WAVES), यानी विश्व दृश्य-श्रव्य और मनोरंजन शिखर सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। जहां दुनिया के बड़े-बड़े दिग्गज जुटेंगे। विचारों का आदान-प्रदान होगा। यह आयोजन एंटरटेनमेंट की बहुरंगी दुनिया में एक नयी छलांग लगाने का अवसर होगा।

मीडिया और मनोरंजन (एमएंडई) क्षेत्र के लिए वेब्स एक मील का पत्थर सबित होगा, चाहे आप एक उद्योग पेशेवर, निवेशक, निर्माता या नवप्रवर्तक हों, क्योंकि सम्मेलन एमएंडई परिदृश्य से जुड़ने, सहयोग करने, नवाचार करने और योगदान करने के लिए अंतिम वैश्विक मंच प्रदान करेगा। वेव्स भारत की रचनात्मक शक्ति को बढ़ाने के लिए तैयार है, जो कंटेंट निर्माण, बौद्धिक संपदा और तकनीकी नवाचार के केंद्र के रूप में इसकी स्थिति को बढ़ायेगा।

प्रसारण, प्रिंट मीडिया, टेलीविजन, रेडियो, फिल्म, एनीमेशन, विजुअल इफेक्ट्स, गेमिंग, कॉमिक्स, ध्वनि और संगीत, विज्ञापन, डिजिटल मीडिया, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, जनरेटिव एआई, ऑगमेंटेड रियलिटी (एआर), वर्चुअल रियलिटी (वीआर) और एक्सटेंडेड रियलिटी (एक्सआर) आदि को बढ़ावा मिलेगा।

वाणिज्य मंत्रालय के एक शीर्ष अधिकारी ने पिछले दिनों कहा था कि मीडिया एवं मनोरंजन क्षेत्र के निर्यात में अगले पांच वर्ष में दस अरब डॉलर तक पहुंचने की संभावनाएं हैं। 

भारत सरकार द्वारा समर्थित प्रमुख क्षेत्रों में से एक भारतीय मीडिया और मनोरंजन उद्योग में वृद्धि की बहुत अधिक संभावनाएं हैं। हमें यह देखना होगा कि हम अपने दृश्य एवं श्रव्य क्षेत्र से निर्यात कारोबार को अगले कुछ सालों के दौरान किस प्रकार मौजूदा एक अरब डालर से 10 अरब डालर तक पहुंचा सकते हैं। इस क्षेत्र के निर्यात में वर्तमान में भारत का चौथा स्थान है। इसके लिए ठोस योजना बनाने की जरूरत है, जो सम्मेलन के जरिये विचारों के आदान-प्रदान से इस दिशा में एक सार्थक पहल होगी।

एक स्लोगन ‘कर लो दुनिया मुट्ठी में’ शायद ही किसी ने भूला हो। यह स्लोगन 23 साल पहले आया था। रिलायंस ग्रुप ने 2002 में अपना मोबाइल फोन लांच करने समय यह स्लोगन दिया था। आज सचमूच पूरी दुनिया हमारे-आपके मुट्ठी में है।

भारतीय टेलीकॉम बाजार दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ने वाला बाजार बन गया है। लोकसभा के वर्तमान बजट सत्र के दौरान सरकार ने एक प्रश्न के जवाब में देश में मोबाइल उपयोक्ताओं औऱ इंटरनेट कनेक्टिविटी के बारे में जानकारी दी थी। इसके अनुसार इस समय भारत में मोबाइल उपयोक्ताओं की संख्यां 117 करोड़ हो गयी है, जो आज से 10 साल पहले 90 करोड़ थी। 

इनमें से ज्यादातर उपयोक्ता स्मार्टफोन का इस्तेमाल कर रहे हैं। स्मार्टफोन के आने की वजह से इंटरनेट उपयोक्ताओं की संख्यां में भी इजाफा हुआ है। वहीं, देश के कोने-कोने में ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी पहुंचायी जा रही है।

इंटरनेट उपयोर्क्ताओं की संख्या भी छह करोड़ से बढ़कर 95 करोड़ तक पहुंच गयी है। भारत के कुल 6,40,131 गांवों में से 6,23,622 गांव मोबाइल कवरेज के दायरे में आ चुके हैं। जिन गांवों तक अभी मोबाइल कवरेज नहीं पहुंचा है, वहां पर भी जल्द ही पहुंचाने की योजना पर काम चल रहा है। इस वक्त देश की आबादी लगभग 140 करोड़ की है और आधी से अधिक आबादी के हाथों तक मोबाइल पहुंच चुका है। 

पिछले दिनों लक्षद्वीप जाने का मौका मिला। यहां न बिजली है और पानी। जेनरेटर से पूरे द्वीप पर बिजली आपूर्ति होती है और समंदर के खारे पानी को फिल्टर कर पीने लायक बनाने की व्यवस्था है। सिनेमा ह़ॉल, मॉल आदि का तो नामो-निशान नहीं है। यहां तक कि टीवी भी कम ही लोगों के पास दिखा। हर व्यक्ति के हाथ में मोबइल फोन जरूर दिखा, जिसमें इंटरनेट कनेक्शन भी था। यह मोबाइल ही उनके मनोरंजन का साधन है। 

लक्षद्वीप की चर्चा इसलिए कर रहा है क भारत का यह हिस्सा आज भी अलग-थलग है। यहां के सभी द्वीपों को मला कर आबादी केवल 86 हजारप के लगभग है। यहां शहरों की तरह न तड़क-भड़क है और न गांव की तरह खेती बाड़ी। 

जह लक्षद्वीप की यह स्थिति है, तो देश के अन्य हिस्सों का इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है। सभी जगह मोबाइल लोगों के लिए मनोरंजन का जरिया बन गया है। 

मनोरंजन से जुड़ी हर चीज एक क्लिक के साथ लोगों के हाथों में मौजूद है। पूरा ओवर-द-टॉप (ओटीटी) प्लेटफॉर्म इस पर मौजूद है, जिस पर ऑडियो और वीडियो से संबंधित मनोरंजन की हर सामग्री मौजूद है। साथ ही क्रिकेट, लूडो, ताश, फुटबॉल जैसे खेल के संसाधन भी मोबाइल पर सिमट गये हैं। 

यही वजह है कि देश में ओटीटी प्लेटफॉर्म तेजी से बढ़ रहे हैं। रिपोर्ट बताती है कि महामारी के बाद भारत में ओटीटी प्लेटफॉर्म की तरफ लोगों के बढ़ते रुझान ने वीडियो बाजार में क्रांति ला दी है। 

घर बैठे मनचाहे कंटेंट मिलने से भारत का ओटीटी स्ट्रीमिंग उद्योग अप्रत्याशित रूप से आगे बढ़ रहा है। भारत के ओटीटी वीडियो बाजार का राजस्व 2025 के अंत तक 4.49 बिलियन डॉलर पहुंचने का अनुमान है। देश में ओटीटी वीडियो के राजस्व में 7.18 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर 2025-2029) की उम्मीद जतायी जा रही है, जिसके चलते 2029 तक इसका अनुमानित बाजार 5.92 बिलियन डॉलर पर पहुंच सकता है। भारत में ओटीटी का सबसे बड़ा बाजार वीडियो स्ट्रीमिंग (एसवीओडी) का है, जिसके 2025 में 2.30 बिलियन डॉलर पर पहुंचने की उम्मीद है।

वहीं, देश में इस समय कुल ओटीटी उपयोक्ताओं की संख्या 547 मिलियन से अधिक है। वर्ष 2029 तक देश के ओटीटी वीडियो बाजार में उपयोक्ताओं की संख्या 634.3 मिलियन तक पहुंचने की उम्मीद है।

जहां 2025 में देश के 35.8 प्रतिशत लोगों तक ओटीटी वीडियो की पहुंच रहेगी, वहीं 2029 तक इस आंकड़े के 42.2 प्रतिशत पर पहुंचने का अनुमान है।

भारत में ऑनलाइन गेमिंग की बात की जाये, तो यह विश्व का सबसे बड़ा बाजार बन गया है।

साल 2023 में भारत में कुल 9.5 अरब बार गेमिंग ऐप डाउनलोड किये गये थे। वैश्विक स्तर पर कुल डाउनलोड में भारत का योगदान 20 फ़ीसदी रहा था। भारत में ऑनलाइन गेमिंग का बाजार साल-दर-साल 20 फ़ीसदी बढ़ रहा है। यहां गेमिंग उद्योग ने पिछले पांच सालों में घरेलू और वैश्विक निवेशकों से 2.8 अरब डॉलर का निवेश हासिल किया है। इस वर्ष के अंत तक गेमिंग उद्योग में 50 करोड़ उपयोक्ता होने का अनुमान है।

भारतीय में ऑडियो- वीडियो और इंटरटेनमेंट का बाजार कितना बड़ा है, इसका अंदाजा मोबाइल, इंटरनेट, ओटीटी, ऑनलाइन गेम आदि के उपयोक्ताओं की संख्या से लगाया जा सकता है।

भारत के इस क्षेत्र में आगे बढ़ने की असीम संभानाएं हैं। इसलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में भी ऑडियो विजुअल एंड एटरटेंमेंट समिट (वेव्स) की चर्चा की थी। उन्होंने बताया भी कि यह वेब्स समिट किस तरह से पूरे परिदृश्य को बदलेगा। 

मुंबई होने वाला वेव्स समिट ग्लोबल ई-मार्केट प्लेस होगा, जो भारत की विशाल रचनात्मक प्रतिभा को अंतरराष्ट्रीय बाज़ारों से जोड़ने में मदद करेगा। यह प्लेटफ़ॉर्म उपयोक्ताओं को अपने कंटेंट प्रदर्शित करने, प्रोजेक्ट पेश करने और भौगोलिक सीमाओं से परे सार्थक संबंध बनाने में सक्षम बनायेगा। 

वेव्स बाज़ार एक परिवर्तनकारी प्लेटफॉर्म है जो फिल्म, टीवी, संगीत, स्पोर्ट्स, एनिमेशन, वजुअल इफेक्ट, गेमिंग और कॉमिक्स जैसे विभिन्न मनोरंजन क्षेत्रों के रचनाकारों, खरीदारों और सहयोगियों को एक मंच पर लायेगा। यह भौगोलिक अंतर को समाप्त करेगा, जिससे रचनाकारों को अपनी रचना प्रदर्शित करने और सार्थक बी2बी संवाद में शामिल होने की सुविधा मिलेगी। 

यह ऐतिहासिक आयोजन भारत की न केवल एक कंटेंट पावरहाउस बनने की क्षमता को रेखांकित करेगा, बल्कि मीडिया और मनोरंजन क्षेत्र में एक वैश्विक विचार अगुआ भी बनेगा।

(लेखक ‘आजाद सिपाही’ अखबार में राजनीतिक संपादक हैं।)

Continue Reading
Advertisement
You may also like...
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

More in मनोरंजन

Banner
To Top