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कोयला खदान में चमक रही महिला शक्ति: हजारीबाग में रची नई इबारत
कोयला खदान में चमक रही महिला शक्ति: हजारीबाग में रची नई इबारत
हजारीबाग की एनटीपीसी पकरी बरवाडीह परियोजना में 26 महिलाएं 100 टन वजनी होल पैक मशीन का संचालन कर रही हैं। ये महिलाएं कभी रांची में पिंक ऑटो चलाती थीं, लेकिन अब कोयला खदान में बड़ी मशीनों की स्टेयरिंग संभाल रही हैं, महिला सशक्तिकरण का यह शानदार उदाहरण है।
एनटीपीसी पकरी बरवाडीह परियोजना में महिला शक्ति का शानदार योगदान
हजारीबाग: आज महिलाएं हर क्षेत्र में अपनी सशक्त उपस्थिति दर्ज करा रही हैं। पुरुष प्रधान माने जाने वाले कोयला खनन क्षेत्र में भी उन्होंने अपनी मजबूत पहचान बनाई है। झारखंड के हजारीबाग स्थित एनटीपीसी पकरी बरवाडीह कोल खनन परियोजना में 26 महिलाएं हर दिन कोयला परिवहन के लिए 100 टन वजनी विशालकाय होल पैक मशीन चला रही हैं।
जहां हौसले बुलंद, वहां कोई चुनौती मुश्किल नहीं
इन महिलाओं की कहानी प्रेरणादायक है। कभी रांची की सड़कों पर पिंक ऑटो चलाने वाली ये महिलाएं आज ऐसे भारी-भरकम ट्रकों को संभाल रही हैं, जिनके पहिये किसी व्यक्ति के कद से भी बड़े हैं। इन ट्रकों को चलाने के लिए सीढ़ियों से चढ़कर ड्राइविंग सीट तक पहुंचना पड़ता है। पहली बार जब इन महिलाओं ने ये ट्रक देखे, तो उनके विशाल आकार ने उन्हें डरा दिया था। लेकिन आज वही महिलाएं आत्मविश्वास से स्टेयरिंग थामे हुए पूरे कौशल के साथ इन्हें चला रही हैं।
प्रशिक्षण के बाद बनीं होल पैक मशीन ऑपरेटर
महिलाओं को इस चुनौतीपूर्ण कार्य के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया गया। शुरुआत में जमशेदपुर में 6 महीने का प्रशिक्षण दिया गया, जहां उन्हें पहले हल्के वाहनों, फिर टर्बो ट्रकों का अभ्यास कराया गया। इसके बाद इन महिलाओं को कोयला खदान में हेल्पर के रूप में काम सौंपा गया। इस दौरान उन्होंने होल पैक मशीन के संचालन का गहराई से अभ्यास किया। आज ये महिलाएं दक्ष ऑपरेटर बन चुकी हैं, जो हर दिन सैकड़ों टन कोयला ढोने वाली इन मशीनों को कुशलतापूर्वक चला रही हैं।
खेल के मैदान में भी रचा इतिहास
होल पैक मशीन चलाने के साथ-साथ इन महिलाओं ने अपने खाली समय का सदुपयोग करते हुए खेलों में भी अपनी पहचान बनाई है। इन साहसी महिलाओं ने डेड लिफ्ट प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीतकर न केवल अपनी कंपनी बल्कि पूरे क्षेत्र का नाम रोशन किया है।
महिला सशक्तिकरण की मिसाल बनीं ये महिलाएं
एनटीपीसी पकरी बरवाडीह के परियोजना प्रमुख फैज तय्यब कहते हैं,
“कंपनी महिलाओं के उत्थान के लिए हमेशा तत्पर रहती है। प्रभावित परिवारों की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं।”
उन्होंने कहा कि होल पैक मशीन से लेकर चूड़ी निर्माण तक, महिलाओं ने हर क्षेत्र में खुद को साबित किया है। एनटीपीसी पकरी बरवाडीह परियोजना महिला सशक्तिकरण का जीवंत उदाहरण बन गया है।
इन महिलाओं का हौसला देश के लिए प्रेरणा
इन 26 महिलाओं ने यह साबित कर दिया है कि सशक्त इच्छाशक्ति के आगे कोई चुनौती बड़ी नहीं होती। आज वे कोयला खदान में भारी-भरकम मशीनें चलाकर देश को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। उनके जज्बे और मेहनत को सलाम है।
“हम संभाल लेंगे… 100 टन के होल पैक का स्टेयरिंग हो या देश के विकास की बागडोर!”