महिला सशक्तिकरण और कृषि आय वृद्धि पर जोर, किसानों को मधुमक्खी पालन के लाभों से अवगत कराया गया
हजारीबाग: कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग (उद्यान प्रभाग) के तत्वाधान में नगर भवन, हजारीबाग में आयोजित दो दिवसीय मधुमक्खी पालन सेमिनार सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। इस कार्यक्रम का उद्देश्य किसानों को मधुमक्खी पालन के फायदों से अवगत कराना, उनकी आय में वृद्धि करना और पर्यावरण सुरक्षा को बढ़ावा देना था।
संयुक्त कृषि निदेशक ने बताया कि यह सेमिनार केंद्र सरकार की “नेशनल बीकीपिंग एंड हनी मिशन (NBHM)” योजना के अंतर्गत आयोजित किया गया, जिसमें 25 महिलाओं के स्वयं सहायता समूह का गठन कर महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने की पहल की गई। इस योजना के तहत लघु और सीमांत किसानों की आय दोगुनी करने के साथ ही मधुमक्खी पालन के जरिए पोषणीय और पर्यावरणीय सुरक्षा को भी प्रोत्साहित किया जा रहा है।
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, गोरिया करमा, हजारीबाग के वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डॉ. निरंजन कुमार ने कार्यक्रम में कहा कि मधुमक्खी पालन एक महत्वपूर्ण कृषि उद्योग है, जिससे किसान शहद, मोम और अन्य उत्पाद प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि शहद का जमना उसकी शुद्धता का संकेत है, नकली होने का नहीं। उन्होंने किसानों को सुझाव दिया कि वे मधुमक्खी पालन के क्षेत्र में ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म का उपयोग कर अपनी आय को और बढ़ा सकते हैं।
कार्यक्रम में हजारीबाग के कई वरिष्ठ अधिकारी एवं कृषि विशेषज्ञ उपस्थित रहे, जिनमें संयुक्त कृषि निदेशक, जिला कृषि पदाधिकारी श्री उमेश तिर्की, उप निदेशक प्रक्षेत्र श्री संजय कुमार पाण्डेय, जिला उद्यान पदाधिकारी श्री राज कुमार साहू, सहायक निदेशक उद्यान श्रीमती निकिता कुमारी, सहायक निदेशक (सांख्यिकी एवं मूल्यांकन) श्री रंधीर टोप्पो, परियोजना निदेशक आत्मा श्री विल्सन कुजुर, समेत विभिन्न प्रखंडों के उद्यान मित्र, प्रगतिशील किसान और मधुमक्खी पालन से जुड़े कृषक शामिल थे।
इस दो दिवसीय सेमिनार में किसानों को मधुमक्खी पालन की वैज्ञानिक तकनीकों, शहद उत्पादन के व्यावसायिक पहलुओं और पर्यावरण संरक्षण में इसकी भूमिका की जानकारी दी गई। अधिकारियों ने किसानों को प्रोत्साहित किया कि वे इस व्यवसाय को अपनाकर अपनी आजीविका में सुधार करें और सरकार की योजनाओं का अधिकतम लाभ उठाएं।