धनबाद: भाजपा नेत्री और पूर्व विधायक सीता सोरेन पर जानलेवा हमले की कोशिश का सनसनीखेज मामला सामने आया है। घटना गुरुवार देर रात धनबाद के सरायढेला स्थित एक होटल में हुई, जहां उनके पूर्व निजी सहायक (पीए) देवाशीष घोष ने हथियार के साथ उनके कमरे में घुसने का प्रयास किया। हालांकि, सतर्क सुरक्षा कर्मियों ने समय रहते उसे दबोच लिया और पुलिस के हवाले कर दिया।
कैसे हुआ हमला?
जानकारी के अनुसार, सीता सोरेन कतरास में एक शादी समारोह में शामिल होने के बाद धनबाद लौटी थीं और सरायढेला के एक होटल में ठहरी थीं। इसी दौरान, उनका पूर्व पीए देवाशीष घोष पहले से ही होटल के कमरे में मौजूद था। जैसे ही सीता सोरेन अंदर आईं, उसने पिस्टल से फायरिंग करने की कोशिश की, लेकिन उनके निजी सुरक्षा गार्डों ने फुर्ती दिखाते हुए उसे काबू में कर लिया।
हमलावर गिरफ्तार, दो पिस्टल बरामद
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने होटल के कमरे से दो पिस्टल बरामद किए हैं। मामले में सरायढेला थाना प्रभारी नूतन मोदी ने बताया कि सीता सोरेन की शिकायत पर मामला दर्ज कर लिया गया है, और आरोपी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
पुलिस कर रही जांच
इस हमले की कोशिश के बाद धनबाद पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। आरोपी से पूछताछ की जा रही है कि उसने हमला क्यों किया और उसके पास हथियार कहां से आए। पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि क्या इस घटना के पीछे कोई साजिश थी।
सीता सोरेन: झारखंड की प्रभावशाली नेत्री
सीता सोरेन झारखंड की राजनीति में एक मजबूत और प्रभावशाली चेहरा हैं। वह झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के सुप्रीमो और दिशोम गुरु शिबू सोरेन की बहू हैं और झारखंड में एक सक्रिय भाजपा नेता के रूप में पहचान बना चुकी हैं।
राजनीतिक सफर:
पूर्व विधायक: सीता सोरेन दो बार झारखंड विधानसभा की सदस्य रह चुकी हैं।
दुमका से जुड़ाव: उनका झारखंड की राजनीति में एक मजबूत पकड़ है, खासकर संथाल परगना क्षेत्र में।
झामुमो से भाजपा तक: पहले वह झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) की नेता थीं, लेकिन बाद में भाजपा में शामिल हो गईं।
व्यक्तिगत संघर्ष और राजनीतिक विवाद:
पति की मौत: सीता सोरेन के पति दुर्गा सोरेन (शिबू सोरेन के बेटे) की रहस्यमयी परिस्थितियों में मृत्यु हो गई थी।
विवादों में भी रहीं: उन्होंने अपने ससुराल वालों पर आरोप लगाए थे और झामुमो के अंदर भी उनका संघर्ष देखने को मिला।
राजनीति में दमदार उपस्थिति: अपने संघर्ष और राजनीतिक रणनीति के कारण वह झारखंड की राजनीति में एक चर्चित चेहरा बनीं।
सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल
इस घटना ने राजनीतिक नेताओं की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। सवाल यह भी उठ रहा है कि पूर्व पीए देवाशीष घोष होटल के कमरे में पहले से कैसे पहुंचा और उसके पास हथियार कहां से आए।
पुलिस मामले की गंभीरता से जांच कर रही है और जल्द ही इस हमले की साजिश से जुड़ी और जानकारियां सामने आ सकती हैं।