रांची: झारखंड में आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को उच्च शिक्षा का अवसर देने के लिए शुरू की गई गुरुजी क्रेडिट कार्ड योजना अपने पहले ही साल में सफल होती दिख रही है। अब तक 712 छात्रों को इस योजना के तहत शिक्षा ऋण मिल चुका है, जिससे वे अपनी पढ़ाई जारी रख सकें। सरकार ने इस योजना के तहत कुल ₹70 करोड़ के ऋण स्वीकृत किए हैं।
राज्य के शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन ने इसे “एक महत्वपूर्ण पहल” बताते हुए कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि झारखंड के किसी भी प्रतिभाशाली छात्र की पढ़ाई आर्थिक तंगी के कारण न रुके। उन्होंने कहा कि यह योजना न केवल छात्रों की मदद करेगी, बल्कि राज्य की शिक्षा व्यवस्था को भी मजबूत बनाएगी।
इस योजना के तहत उन छात्रों को ऋण दिया जाता है, जिन्हें देश के प्रतिष्ठित कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में दाखिला मिला है, लेकिन आर्थिक कारणों से आगे बढ़ने में कठिनाई हो रही है। योजना के तहत अधिकतम ₹15 लाख तक का ऋण केवल 4% ब्याज दर पर उपलब्ध कराया जाता है, जबकि ₹4 लाख तक के ऋण पर कोई ब्याज नहीं लिया जाता।
सरकार का लक्ष्य हर साल 1,500 छात्रों को इस योजना से जोड़ने का है। उच्च और तकनीकी शिक्षा विभाग ने इसके लिए वित्तीय वर्ष 2025-26 में ₹10 करोड़ का बजट निर्धारित किया है, ताकि योजना का क्रियान्वयन सुचारु रूप से जारी रह सके।
योजना का लाभ उन्हीं छात्रों को मिलेगा, जिन्होंने झारखंड के किसी स्कूल से 10वीं या 12वीं की परीक्षा पास की है और किसी मान्यता प्राप्त कॉलेज या विश्वविद्यालय में प्रवेश लिया है। आवेदन की प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन है और इसके लिए किसी गारंटी या संपत्ति की आवश्यकता नहीं है। इससे कमजोर आर्थिक पृष्ठभूमि वाले छात्रों को सीधा लाभ मिलेगा। इच्छुक छात्र https://gscc.jharkhand.gov.in पर जाकर आवेदन कर सकते हैं।
ऋण चुकाने के लिए छात्रों को 15 साल तक का समय दिया गया है, जिससे उन पर वित्तीय दबाव कम होगा। इसके अलावा, यदि किसी छात्र ने पहले से किसी अन्य योजना के तहत शिक्षा ऋण लिया हुआ है, तो उसे भी इस योजना में स्थानांतरित किया जा सकता है।
पहले ही साल में योजना को मिली सकारात्मक प्रतिक्रिया को देखते हुए सरकार को उम्मीद है कि आने वाले वर्षों में और अधिक छात्र इससे लाभान्वित होंगे। यह योजना झारखंड में उच्च शिक्षा को और अधिक सुलभ बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है।