रांची: झारखंड में बिजली उपभोक्ताओं को अगले वित्तीय वर्ष से झटका लग सकता है। राज्य में बिजली टैरिफ और फिक्स्ड चार्ज में बढ़ोतरी की योजना बनाई जा रही है। झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड (JBVNL) ने घरेलू उपभोक्ताओं के लिए प्रति यूनिट 2 रुपये बढ़ाने का प्रस्ताव रखा है। यदि यह प्रस्ताव मंजूर हो जाता है, तो 1 अप्रैल 2025 से लागू होने वाले नए टैरिफ में उपभोक्ताओं को अधिक बिजली बिल चुकाना होगा।
कितनी बढ़ेगी बिजली दर?
JBVNL ने झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग (JSERC) के समक्ष जो प्रस्ताव रखा है, उसके अनुसार बिजली दरों में महत्वपूर्ण वृद्धि होगी।
- शहरी क्षेत्रों में:
- वर्तमान दर: 6.65 रुपये/यूनिट
- प्रस्तावित दर: 8.65 रुपये/यूनिट (2 रुपये की वृद्धि)
- ग्रामीण क्षेत्रों में:
- वर्तमान दर: 6.30 रुपये/यूनिट
- प्रस्तावित दर: 8 रुपये/यूनिट
- आवासीय कॉलोनियों/अपार्टमेंट्स (DS HT) में:
- वर्तमान दर: 6.25 रुपये/यूनिट
- प्रस्तावित दर: 9.50 रुपये/यूनिट
- कमर्शियल उपभोक्ताओं के लिए:
- 4.90 रुपये/यूनिट की वृद्धि प्रस्तावित है।
फिक्स्ड चार्ज में भी होगी बढ़ोतरी
बिजली टैरिफ के साथ-साथ फिक्स्ड चार्ज में भी बढ़ोतरी की संभावना है। प्रस्ताव के अनुसार:
- शहरी उपभोक्ताओं का फिक्स्ड चार्ज 100 रुपये से बढ़ाकर 200 रुपये प्रति माह किया जाएगा।
- ग्रामीण उपभोक्ताओं के लिए यह 75 रुपये से बढ़ाकर 150 रुपये करने का प्रस्ताव है।
- आवासीय कॉलोनियों/अपार्टमेंट्स का फिक्स्ड चार्ज 150 रुपये से बढ़ाकर 250 रुपये प्रति माह किया जाएगा।
टैरिफ पर जनसुनवाई की प्रक्रिया जल्द शुरू
झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग (JSERC) बिजली टैरिफ पर जनसुनवाई की प्रक्रिया शुरू करने जा रहा है। उपभोक्ताओं की राय जानने के लिए राज्यभर में जनसुनवाई होगी:
- 19 मार्च: चाईबासा
- 20 मार्च: धनबाद
- 21 मार्च: देवघर
- 24 मार्च: डाल्टेनगंज
- 25 मार्च: रांची
इसके बाद 26 मार्च को राज्य विद्युत सलाहकार समिति की बैठक होगी, जिसमें टैरिफ पर अंतिम सहमति ली जाएगी। 31 मार्च को नए टैरिफ की आधिकारिक घोषणा हो सकती है, जो 1 अप्रैल 2025 से प्रभावी होगी।
बिजली दरों में बढ़ोतरी से उपभोक्ताओं पर असर
बिजली दरों और फिक्स्ड चार्ज में बढ़ोतरी का सीधा असर आम उपभोक्ताओं, छोटे व्यवसायियों और उद्योगों पर पड़ेगा।
- घरेलू उपभोक्ताओं का बिजली बिल बढ़ेगा, जिससे मासिक खर्च बढ़ सकता है।
- कृषि और ग्रामीण उपभोक्ताओं के लिए भी यह बढ़ोतरी आर्थिक बोझ बढ़ा सकती है।
- उद्योगों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के लिए बिजली खर्च में इजाफा उत्पादन लागत को प्रभावित कर सकता है।
सरकार और आयोग की प्रतिक्रिया
सरकार और राज्य विद्युत नियामक आयोग का कहना है कि बिजली उत्पादन और वितरण की लागत बढ़ने के कारण टैरिफ में संशोधन जरूरी हो गया है। हालांकि, जनसुनवाई के दौरान उपभोक्ताओं की राय को ध्यान में रखते हुए अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
झारखंड में बिजली की कीमतों में प्रस्तावित वृद्धि उपभोक्ताओं के लिए एक बड़ा बदलाव हो सकती है। नई दरों और फिक्स्ड चार्ज में बढ़ोतरी से आम जनता की जेब पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। 31 मार्च को होने वाली अंतिम घोषणा के बाद यह स्पष्ट होगा कि कितनी वृद्धि की जाएगी और उपभोक्ताओं को कितना अतिरिक्त भुगतान करना होगा।
यदि आप इस वृद्धि से असहमत हैं, तो जनसुनवाई में भाग लेकर अपनी राय व्यक्त कर सकते हैं।