राँची

झारखंड में नई उत्पाद नीति फाइनल, डिपार्टमेंटल स्टोर्स में शराब बिक्री पर रहेगी रोक

नई उत्पाद नीति झारखंड में शराब बिक्री को लेकर एक बड़ा बदलाव ला सकती है। सरकार के इस फैसले से एक तरफ जहां शराब की उपलब्धता नियंत्रित होगी, वहीं दूसरी तरफ आबकारी विभाग को राजस्व में बढ़ोतरी की उम्मीद है।

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राँची: झारखंड में शराब की खुदरा बिक्री और वितरण को लेकर नई उत्पाद नीति को अंतिम रूप दे दिया गया है। झारखंड उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग ने झारखंड उत्पाद (मदिरा की खुदरा बिक्री हेतु दुकानों की बंदोबस्ती एवं संचालन) नियमावली 2025 का अंतिम ड्राफ्ट तैयार कर लिया है। इस नियमावली में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं, जिनमें डिपार्टमेंटल स्टोर में शराब की बिक्री पर प्रतिबंध शामिल है।

क्या है नया बदलाव?

पिछले महीने जारी किए गए प्रारंभिक ड्राफ्ट में डिपार्टमेंटल स्टोर्स में शराब बिक्री का प्रावधान था। इसके तहत 2000 वर्गफीट से बड़े स्टोर में 10% हिस्से में शराब बेचने की अनुमति दी गई थी। हालांकि, जनता और विशेषज्ञों की राय के आधार पर इस प्रस्ताव को हटा दिया गया है। अब डिपार्टमेंटल स्टोर्स में शराब की बिक्री पूरी तरह से प्रतिबंधित होगी।

एक मई से लागू हो सकती है नई नीति

झारखंड में वर्तमान में लागू उत्पाद नीति 31 मार्च 2025 तक ही प्रभावी है। नई नीति लागू होने तक झारखंड राज्य बेजर लिमिटेड (JSBCL) के माध्यम से खुदरा शराब की बिक्री जारी रहेगी। हालांकि, इसे पूरी तरह से लागू करने में कम से कम एक माह का समय लग सकता है, जिससे इसकी संभावित लॉन्चिंग एक मई 2025 को हो सकती है।

कैसे पूरी होगी आगे की प्रक्रिया?

  • वित्त विभाग, विधि विभाग और राजस्व पर्षद को भेजा जाएगा प्रस्ताव – इन विभागों की सहमति के बाद इसे कैबिनेट के पास भेजा जाएगा।
  • कैबिनेट की मंजूरी के बाद नियमावली लागू होगी।
  • इसके बाद झारखंड में खुदरा शराब बिक्री का नया ढांचा तैयार किया जाएगा।

नई नीति से क्या होंगे बदलाव?

  • डिपार्टमेंटल स्टोर्स से शराब की बिक्री हटा दी गई।
  • खुदरा शराब की बिक्री अब प्लेसमेंट एजेंसियों के बजाय ठेकेदारों को बंदोबस्ती के तहत दी जाएगी।
  • शराब बिक्री केंद्रों के स्थानों और लाइसेंसिंग में सख्ती लाई जाएगी।
  • शराब की बिक्री से होने वाले राजस्व में सुधार लाने के लिए नई रणनीति अपनाई जाएगी।

क्या कहता है उत्पाद विभाग?

उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के अनुसार, नई नीति का उद्देश्य शराब की बिक्री को अधिक पारदर्शी और संगठित बनाना है। विभाग का मानना है कि राजस्व बढ़ाने के साथ-साथ मद्य निषेध के उद्देश्य को भी संतुलित किया जाएगा।

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