राँची

बजट से पहले विपक्ष के नेता की गैर मौजूदगी पर सुप्रियो भट्टाचार्य का तंज

JMM प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने भाजपा पर लोकतंत्र कमजोर करने का आरोप लगाते हुए कहा कि झारखंड के बजट सत्र में विपक्ष का नेता नहीं होना दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने आगामी बजट को ‘3D बजट’ बताया, जो समृद्धि, खुशहाली और विकास पर केंद्रित होगा। साथ ही, भाजपा के आंतरिक मतभेदों पर भी निशाना साधा।

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रांची: झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के महासचिव सह राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने 3 मार्च को पेश होने वाले झारखंड के 24वें बजट से पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर लोकतांत्रिक परंपराओं को कमजोर करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि यह पहली बार होगा जब विपक्ष की मौजूदगी के बावजूद सदन में नेता प्रतिपक्ष नहीं होगा।

सुप्रियो भट्टाचार्य ने भाजपा पर संघीय ढांचे और लोकतंत्र पर हमला करने का आरोप लगाते हुए कहा कि जिस तरह से विपक्ष की आवाज दबाने की कोशिश हो रही है, वह गंभीर चिंता का विषय है। उन्होंने याद दिलाया कि पिछली लोकसभा में 150 से अधिक सांसदों को निलंबित किया गया था, और अब झारखंड में नेता प्रतिपक्ष की नियुक्ति न होने देना इसी प्रक्रिया का हिस्सा है।

भाजपा विधायकों पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि अगर वे अपना नेता नहीं चुन सकते, तो उन्हें सामूहिक इस्तीफा दे देना चाहिए। उन्होंने कहा, “लोकतंत्र तभी पूरा होता है जब विपक्ष भी मजबूत हो। कई सरकारी आयोग और समितियां हैं, जिनमें नेता प्रतिपक्ष की भूमिका महत्वपूर्ण होती है, लेकिन यहां लोकतांत्रिक व्यवस्था को ध्वस्त किया जा रहा है।

झारखंड का बजट होगा ‘3D बजट’

भट्टाचार्य ने आगामी बजट को ‘3D बजट’ करार दिया और कहा कि यह समृद्धि, खुशहाली और विकसित झारखंड का बजट होगा। उन्होंने बताया कि इसमें रोजगार, शिक्षा, सामाजिक सुरक्षा, स्वास्थ्य, पर्यटन और बुनियादी सुविधाओं पर जोर दिया जाएगा।

‘असम के मुख्यमंत्री को ही नेता बना दें!’

भट्टाचार्य ने व्यंग्य करते हुए कहा कि भाजपा नेता नेता प्रतिपक्ष तय नहीं कर पा रहे हैं, तो वे असम के मुख्यमंत्री को ही झारखंड बुला लें, जो यहां पहले कई महीनों तक डेरा डाले हुए थे। उन्होंने भाजपा पर कटाक्ष करते हुए कहा कि अगर केंद्रीय नेतृत्व खुद तय नहीं कर सकता, तो यह लोकतंत्र के लिए खतरनाक संकेत है।

बजट से पहले नेता प्रतिपक्ष की नियुक्ति की अपील

JMM प्रवक्ता ने भाजपा से बजट पेश होने से पहले नेता प्रतिपक्ष नियुक्त करने की अपील की। उन्होंने कहा कि झारखंड की जनता ने महागठबंधन को आशीर्वाद दिया है और उनकी सरकार जनता की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है। लेकिन संसदीय व्यवस्था में विपक्ष की भूमिका भी उतनी ही महत्वपूर्ण होती है।

भट्टाचार्य ने चेतावनी दी कि बजट पेश होने के बाद सदन के बाहर भाजपा के भीतर विरोध का ‘लावा फूटेगा’ और पार्टी के अंदरूनी अंतर्विरोध सामने आ जाएंगे। उन्होंने कहा कि भाजपा के कई विधायक खुद अपने प्रदेश अध्यक्ष को नेता मानने के लिए तैयार नहीं हैं और यही वजह है कि केंद्रीय नेतृत्व फैसला लेने में असमर्थ नजर आ रहा है।

झारखंड बजट सत्र में अब यह देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा नेतृत्व इस चुनौती का कैसे जवाब देता है और क्या सदन में नेता प्रतिपक्ष की नियुक्ति हो पाती है या नहीं।

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