देश

सांसद मनीष जायसवाल ने विस्थापितों के लिए संसद में उठाई आवाज़

हजारीबाग सांसद मनीष जायसवाल ने लोकसभा में विस्थापितों के हक में आवाज़ उठाई। उन्होंने मुआवजा राशि 20 लाख से बढ़ाकर 40 लाख प्रति एकड़ करने, एनटीपीसी में स्थायी रोजगार देने और पुनर्वास नीति को अधिक प्रभावी बनाने की मांग की।

Published on

नई दिल्ली/हजारीबाग: हजारीबाग लोकसभा क्षेत्र के सांसद मनीष जायसवाल ने बुधवार को लोकसभा के बजट सत्र के दौरान संसद में अपने क्षेत्र के विस्थापितों की समस्याओं को पुरजोर तरीके से उठाया। उन्होंने सरकार से मुआवजा राशि बढ़ाने, विस्थापित परिवारों को रोजगार देने और पुनर्वास नीतियों को अधिक प्रभावी एवं समावेशी बनाने की मांग की।

कोयला और ऊर्जा परियोजनाओं से विस्थापित हजारों परिवारों की स्थिति गंभीर

सांसद मनीष जायसवाल ने सदन में कहा कि हजारीबाग लोकसभा क्षेत्र में वर्षों से कोयला खनन और ऊर्जा परियोजनाओं के कारण हजारों परिवार विस्थापित हो चुके हैं। उन्होंने सरकार से मांग की कि इन परिवारों को न्याय और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।

मुआवजा बढ़ाकर 40 लाख प्रति एकड़ करने की मांग

सांसद जायसवाल ने भूमि अधिग्रहण नीति में सुधार की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि वर्तमान में प्रभावित परिवारों को 20 लाख प्रति एकड़ मुआवजा दिया जाता है, लेकिन यह दर बाजार मूल्य के अनुरूप नहीं है। उन्होंने मांग की कि मुआवजा राशि बढ़ाकर 40 लाख प्रति एकड़ किया जाए, ताकि विस्थापित परिवारों का भविष्य सुरक्षित हो सके।

सीसीएल की तर्ज पर एनटीपीसी में भी मिले स्थायी रोजगार

हजारीबाग क्षेत्र में सीसीएल (सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड) और एनटीपीसी (नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन), दो प्रमुख सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियां कार्यरत हैं। सांसद ने बताया कि सीसीएल में प्रभावित परिवारों को रोजगार देने की नीति लागू है, लेकिन एनटीपीसी में अब तक ऐसा नहीं किया गया। उन्होंने सरकार से एनटीपीसी में भी विस्थापितों को सीसीएल के तर्ज पर स्थायी रोजगार देने की मांग की।

2016 की कटऑफ तिथि समाप्त कर सभी विस्थापितों को पुनर्वास योजना का लाभ देने की मांग

सांसद जायसवाल ने संसद में बताया कि वर्तमान पुनर्वास नीति के तहत केवल 2016 तक विस्थापित हुए परिवारों को ही लाभ दिया जाता है। उन्होंने इस कटऑफ तिथि को समाप्त करने और सभी पात्र परिवारों को पुनर्वास योजना का लाभ देने की मांग की।

रोजगार और पर्यावरण संतुलन दोनों जरूरी: मनीष जायसवाल

उन्होंने कहा कि कोयला और ऊर्जा परियोजनाओं के कारण हजारों लोगों की आजीविका प्रभावित हुई है, जिससे उनका जीवन संकट में आ गया है। सरकार को ऐसा समाधान निकालना होगा जिससे प्रभावित परिवारों को रोजगार भी मिले और पर्यावरण संतुलन भी बना रहे।

पुनर्वास नीति को अधिक प्रभावी और समावेशी बनाने की जरूरत

उन्होंने जोर देकर कहा कि सरकार को पुनर्वास नीतियों को और प्रभावी व समावेशी बनाना चाहिए, ताकि विस्थापित परिवारों को न्याय मिल सके और वे सम्मानजनक जीवन व्यतीत कर सकें।

सांसद मनीष जायसवाल द्वारा संसद में उठाई गई मांगों से यह स्पष्ट है कि झारखंड के विस्थापित परिवारों की समस्याओं का समाधान जरूरी है। यदि मुआवजा राशि बढ़ाई जाती है, सभी विस्थापितों को पुनर्वास योजना का लाभ मिलता है और रोजगार सुनिश्चित किया जाता है, तो इससे प्रभावित परिवारों का भविष्य सुरक्षित हो सकेगा। अब देखना यह होगा कि सरकार इन मांगों पर क्या निर्णय लेती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Exit mobile version