संथाल परगना

बांग्लादेशी घुसपैठ: लोकसभा में की संथाल परगना को अलग राज्य बनाने की माँग

लोकसभा में भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने संथाल परगना को अलग राज्य बनाने और बांग्लादेशी घुसपैठियों को अलग करके परिसीमन कराने की माँग की। उन्होंने झारखंड में राष्ट्रपति शासन लगाने पर भी विचार करने को कहा।

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रांची: झारखंड के गोड्डा से भाजपा सांसद डॉ. निशिकांत दुबे ने एक बार फिर  संथाल परगना को अलग राज्य बनाने की मांग उठाई है। इस बार उन्होंने लोकसभा में शून्यकाल के दौरान यह मुद्दा उठाया। उन्होंने बांग्लादेशी घुसपैठियों की बढ़ती संख्या पर चिंता जाहिर करते हुए परिसीमन में इन्हें अलग करने की मांग की। साथ ही, उन्होंने झारखंड में राष्ट्रपति शासन लगाने पर विचार करने की बात भी कही।

लोकसभा में उठाया  संथाल परगना का मुद्दा

बुधवार को लोकसभा में बोलते हुए डॉ. निशिकांत दुबे ने कहा कि  संथाल परगना में बांग्लादेशी घुसपैठियों की बढ़ती संख्या आदिवासियों के अधिकारों और राजनीतिक प्रतिनिधित्व को प्रभावित कर रही है। उन्होंने कहा कि पिछले 60 वर्षों में आदिवासी समुदाय की आबादी घटी, जबकि मुसलमानों की संख्या तेजी से बढ़ी है। उन्होंने अगले परिसीमन में घुसपैठियों को अलग करने और संताल परगना को एक नया राज्य बनाने की मांग रखी।

1951 में 45% थे आदिवासी, अब घटकर 28%

डॉ. दुबे ने संसद में आंकड़े प्रस्तुत करते हुए कहा कि 1951 में  संथाल परगना में आदिवासियों की आबादी 45% थी, जो 2011 में घटकर 28% रह गई। वहीं, मुसलमानों की आबादी 9% से बढ़कर 24% हो गई। उन्होंने कहा कि यह बांग्लादेशी घुसपैठ का परिणाम है, जिससे मूल निवासियों को नुकसान हो रहा है।

‘यह हिंदू-मुसलमान का मुद्दा नहीं’

सांसद निशिकांत दुबे ने स्पष्ट किया कि यह कोई सांप्रदायिक मुद्दा नहीं है, बल्कि झारखंड के मूल निवासियों के अधिकारों की रक्षा से जुड़ा मामला है। उन्होंने कहा, “1951 से 2011 के बीच पूरे देश में मुस्लिम आबादी 4% बढ़ी, लेकिन संताल परगना में यह बढ़ोतरी 15% तक हुई।”

झारखंड में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग

सांसद ने  संथाल परगना की स्थिति को लेकर केंद्र सरकार से झारखंड में राष्ट्रपति शासन लगाने पर विचार करने की भी अपील की। उन्होंने कहा कि अगर  संथाल परगना को एक अलग राज्य बनाया जा सकता है, तो सरकार को इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए।

पहले भी उठा चुके हैं संथाल परगना को राज्य बनाने की मांग

यह पहली बार नहीं है जब निशिकांत दुबे ने  संथाल परगना को अलग राज्य बनाने की मांग उठाई है। इससे पहले भी वह कई बार यह मुद्दा उठा चुके हैं। उनकी दलील है कि संताल परगना की सांस्कृतिक और भौगोलिक विशेषताएं अलग हैं, इसलिए इसे झारखंड से अलग कर एक नया राज्य बनाया जाना चाहिए।

झारखंड की राजनीति में गरमाई बहस

सांसद की इस मांग के बाद झारखंड की राजनीति में नई बहस छिड़ गई है। भाजपा जहां इस मुद्दे को जोर-शोर से उठा रही है, वहीं झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) और कांग्रेस ने इसे राजनीतिक स्टंट बताया है। अब देखना होगा कि केंद्र सरकार इस मांग पर क्या रुख अपनाती है।

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